जिसे आप समझते हैं शायरी हमारी
वो कुछ छुपे हुए जज़्बात हैं
कुछ बिखरे हुए से ख़्वाब हैं
जिन बातों को हम हर जगह कह नहीं सकते
यूं समझ लीजिए कि
वही अनकहे अल्फाज़ हैं

-अनुभूति अनिता पाठक

Hindi Shayri by अनुभूति अनिता पाठक : 111830036

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