मौत आयेगी तो जिंदगी ठहर जायेगी
प्रियतम कहकर वो गले लग जायेगी
बेवफा है जिंदगी एक दिन साथ छोड़ देगी
तमाम उम्र बहुत कुछ करा रिश्ता तोड़ देगी
क्या ऐसा जिंदगी पर जो इतना हम इतराये ?
भूल जाये उसकी फितरत और सिर्फ लहराये
सच कहें तो जिंदगी एक बहती सी दरिया है
उसमें चंद खुशिया बाकी गहन जिम्मेदारियां है
"कमल" न कर गरुर जीना सिर्फ साँसों का सरुर है
कम होती जिंदगी में रोशनी चंद ज्यादा अंधकार है
समझ इतनी ही अच्छी हम इंसान बनकर आये है
कुछ भी नहीं है सिर्फ अस्त-उदय होने वाले साये है
✍️ कमल भंसाली
-Kamal Bhansali