आते हैं जद! में, कई लोग मगर.....
निभाता बखूबी, रिश्ता! कोई अपना ही है।
#दर्पणकासच
#रिश्तोंकीक़ीमत
#सम्बन्ध_स्नेह
#योरकोट_दीदी
#योरकोटबाबा
#सनातनी_जितेंद्र मन

Hindi Shayri by सनातनी_जितेंद्र मन : 111835332

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now