वृति हिंसक हो तो धरती पाप के बोझ ढोती है
आजादी की तड़प हुंकार चींखे मन में गुंजती है
जंग_ए_आजादी में घेरे लुटेरों और फिरंगियों को
अंग्रेजो के वस्त्र स्वाहा कर बापू पहने धोती हैं।

-गायत्री शर्मा गुँजन

Hindi Blog by गायत्री शर्मा गुँजन : 111835416

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now