यह मेरा शहर है मेरा जन्म यहीं हुआ यहाँ की मिट्टी में खेलते मै बड़ी हुई …यहाँ की हवा में मैंने सांसे लेना सीखा …यहाँ की सुबह ,शाम, रात से मुझे प्यार है यहाँ सभी मौसम को मैने खुश होके जीआ…पर कुछ हालात के वजहसे यहा से जाना पड रहा है,जीन्होने मुझे प्यार दीया मुजे मुजे सपोट कीया हमेसा मेरे दीलमे रहेगे...शुक्रिया अहमदाबद मुझे इतना। कुछ दीया❤ बाय बाय अहमदाबाद।❤

-Daxa Bhati

Hindi Story by Daxa Bhati : 111839495
Vinod Tikmani The Art of Living Practicner 1 year ago

Liked, wish you all Success in your life.🙏🎉

Daxa Bhati 1 year ago

सही कह आपने सेखर जी,आप मेरी भावना को समज पाए उसके लीए शुक्रिया🙏

shekhar kharadi Idriya 2 years ago

कम शब्दों में भी अत्यंत भावनात्मक और हृदय स्पर्शी बात बताई दक्षा जी, जिस भूमि अर्थात शहर से आपका इतना गहरा नाता जुड़ा है, उसे अचानक छोड़कर जाने से दुःख या अफ़सोस हमेशा मन के भीतर रहता हैं लेकिन उसकी स्मृतियां या छबी सदा मन-मस्तिष्क में अमिट छाप बनकर अंकित बन जाती है । और जो-जो सुन्दर क्षण आपने व्यतीत किए हैं वो क्षण आपके भीतर सदैव सांस बनकर जिंदा रहेंगे । उन पलों में खुशियां ढूंढने का प्रयत्न किजिए । यकिनन तन-मन को सुकून मिलेगा । 💐🙏

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