उम्मीदों की सुरंगों में से गुजरना है तुम्हे क्योंकि आगे रोशनी होगी,
सफर में आगे नए लोग जुड़ेंगे, और कुछ अंत तक साथ निभाएंगे ।
पर क्या पता पीछे एकदम ही सब धुंधला होने लग जाए !!!
ओर धीरे से ओझल हो रही उस ज्योति में से कोई तुम्हे पुकार रहा हो ।
और क्या पता उम्मीदों की सुरंग में आगे बढ़ते तुम उस अंधेरे तक पहुंच जाओ,
जहा आगे न रोशनी नजर आएगी और न ही पीछे से कोई आवाज सुनाई देगी ।
-SK's ink