एक है संदेश मेरा देश के कुछ मर्द से,
नाम ना नीलाम कर थोड़ा इंसान बन।
दोस्ती के नाम पे ना दोस्त से गद्दार बन,
अंत तक जो साथ लडा सूर्यपुत्र कर्ण बन।
चंद पल हवस के लिए तू ना आफताब बन,
दम है तेरे सिने में तो प्रभु श्रीराम बन।
बात आए धर्म की तो यूं ना तू शांत बन,
न्याय के लिए उठके वीर परशुराम बन।
बात आए देश की तो बातो में ना शेर बन,
आग लेके सीने मे तु भगत या आजाद बन।
बात आए लज्जा की तो मूक सभा का गण ना बन,
लड जाए अक्षिनी से वेसा तू श्री कृष्ण बन।
ये ना हो पाया तुझसे कोई फरियाद नहीं,
सभ्य संस्कृति का एक अच्छा इंसान बन।
-Krunal Soni