भर जाये दामन खुशियों से न चुभे कोई काँटा तुझको |
तू जहाँ लगाये मन अपना वो ईश्वर तुझे वहाँ रमे |
देने वाले तो बहुत तुझको उपहार सजाये बैठे है | शायद इन उपहारो मे इन शब्दो का कोई मोल न हो , पूरी है सभी आकांक्षा जो उसमे इसका कोई तौल न हो | फिर भी निकला है हृदय से यह आशीष तुझको भेजती हूँ | यदि बचा हो गम जीवन तेरे हो तो , आँचल मे अपने समेंटती हूँ |
जन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनाएं ♥️💐🍫

-Ruchi Dixit

Hindi Poem by Ruchi Dixit : 111848179

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