उदासी उसके संग बांटी जा सकती थी ,
मगर झीझक लगती थी बताते हुए
वो दोस्त जो कई दिनों से परेशान था,
आज पहली दफा मिला मुस्कुराते हुए।

अगर लोट के आना इतना ही तेरी आना के खिलाफ हैं,
तो हम भी अच्छे नहीं लगेंगे हाथ फेलाते हुए 🖤🖤
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Hindi Poem by Hetal : 111848221

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