जैसे जैसे इश्क की उम्र बढ़ने लगी,
वैसे वैसे गलतफहमियां पैर पसारने लगी,
और एक मोड़ पर आकर हम दोनों ही थक गए,
फिर वो दिन भी आया जब हम अलग अलग रास्ते के मुसाफिर हो गए......

-MUKESH JHA

Hindi Romance by MUKESH JHA : 111859009

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