मैं एक किताब📘📘 हूं, तेरे अल्फ़ाज़ बनना चाहती हूं, नहीं चाहत कि बनू भार तेरा, चाहत है बनू तेरी जिंदगी का सार, मैं एक किताब📙📙 हूं.................... तेरी जिंदगी का किस्सा बनना चाहती हूं, तेरी तकलीफों का हिस्सा बनना चाहती हूं, मैं एक किताब हूं तेरे अल्फाज बनना चाहती हूं, चाहत है कि माध्यम बनू तेरी अभिलाषा की🤗🤗🤗, तेरी चिंताओं की, चाहत मेरी बड़ी नहीं😊😊😊, चाहत बस इतनी सी🥰🥰, कि......... तू लेखक🖊️🖊️🖊️ बन मेरा, मैं बनू तेरी साथी, तू बन तो सही मेरा सारथी, मैं एक किताब हूं, तेरे अल्फ़ाज़ बनना चाहती हूं, तु लिख🖌️🖌️ तो सही........... मैं तेरी कहानी का किस्सा बनना चाहती हूं, तेरी जिंदगी का हिस्सा बनना चाहती हूं, मैं एक किताब हूं............................ (कौशल्या भाटिया) 16 year old,

Hindi Poem by Kaushalya : 111865393
vi wazir 1 year ago

RAS....mate tamane....ALL THE BEST 👍

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