कितनी मुश्किल से संभाला हुआ है मैने ये जान लेते तो क्या बात होती। खुद को मेरी चुप्पी में भी सदा तेरा ही जिक्र है।
ये सुन लेते तो क्या बात होती ।
दिखाकर जताया नही जाता फिक्र प्यार में ये तुम भी जान लेते तो क्या बात होती।
बात ना करने की वजह हैं मेरे पास और
ये वजह तुमने ही दी...........
अगर ये एहसास कर पाते तो क्या बात होती।
कर पाते यदि महसूस हमारे प्यार को तुम तो आज यूं हम खफा-खफा नही होते
~paakhi