सांझ की धुंधलाती सी रोशनी में
नीड की ओर लौटते हुए पंछियों के कलरव में
अस्त होते सूर्य की लालिमा में
गर्म से सर्द होती फिज़ाओ में
बन्द पलको के पीछे छिपे तिमिर में
तेरे होने के एहसास हो महसूस करती हूँ।

✍️ज्योति_ngh

Hindi Romance by Jyoti Prajapati : 111876818

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