"कब, पीड़ा से मुक्त हुआ है संसार
कहाँ रूका है बेटियों पर हो रहा अत्याचार
स्त्रियाँ आज भी पीड़ित हैं
आए दिन हो रहा उनपर घरेलु हिंसाचार"
कानून चाहे कितना ही बने,
कभी खत्म नहीं होगा, इन दरिंदों का व्यभिचार "
--डॉ अनामिका--

Hindi Poem by डॉ अनामिका : 111878129

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