हमारी एक भी न सुनी और,
दिखाते रहे अपनी ही ठसक।
अगर हम दूर चले गए तो,
रह जायेगी तुम्हारे मन में एक कसक।।

मिश्री

-किरन झा मिश्री

Hindi Shayri by किरन झा मिश्री : 111929220

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