new story coming soon.
title : बेवजह की प्यास
some part of the story,
रात जो कभी खत्म नहीं होती...
कमरा अंधेरे और सिगरेट के धुएँ से भरा हुआ था। सान्या बिस्तर पर बैठी थी, उसके गले पर आयुष के पिछले निशान अभी भी हल्के लाल पड़े थे। वो जानती थी कि जब तक वो यहाँ है, तब तक उसे हर रात इसी जुनून का शिकार बनना पड़ेगा—और उसे यह पसंद भी था।
दरवाज़ा खुला।
आयुष अंदर आया, काले शर्ट की बटन आधी खुली हुई, आँखों में वही वहशी चमक। उसने बिना कुछ बोले सिगरेट जलाया, एक कश लिया, और धुआँ सीधा सान्या के चेहरे पर छोड़ दिया।
आयुष: "आज बड़ी शरीफ बनी बैठी है? या फिर सच में डर गई?"
सान्या (हल्की मुस्कान के साथ): "डर? तुझसे? ख़्वाबों में भी नहीं।"
आयुष ने सिगरेट का एक लंबा कश लिया, और धीरे-धीरे धुआँ उसके चेहरे पर छोड़ दिया
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