कहना बहुत कुछ है पर कैसे बताऊं..
ज़ज्ब़ाती किस्से क्या सबको बताऊं..
मौसम बड़ा बेरहम है देखो तो सही..
गरमी में बरसती मेढक हैं देखो तो सही..
नदी नाले कचरों से भरे हैं कहो तो दिखाऊं..
आइना खरा है दिखेगा सही में..
टर्टराहट की आवाज़ कहो तो सुनाऊं..
--डॉ अनामिका--