हर रेखा की एक कहानी है, हर शेड में एक एहसास। क्या तुम बता सकते हो, मेरी रूह ने ये कैसे रचा?
शायद 2013 के आसपास मैंने इसे पेपर पर उकेरा था। तब मैं छोटा था। इसे बनाने में मुझे कई दिन लगे थे। कभी पूरा नहीं कर पाया...अभी भी त्रिशूल अधूरा है।
अगर आप एक लाइक, एक कमेंट करोगे, तो सच में आप मुझे वो खुशी दोगे जो दिल में अपनी छाप छोड़ जाएगी।
मुझे सच में खुशी होगी।
और बनेगी एक दोस्ती की मिसाल।
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ठिकाना है — @itsme_vishal_saini
दोस्ती का इंतज़ार रहेगा…