#gulzar #DoDooniChaar #1968
हवाओं पे लिख दो हवाओं के नाम
हम अनजान परदेसियों का सलाम
ये किसके लिए है, बता किसके नाम
ओ पंछी तेरा ये सुरीला सलाम
शाख पर जब, धूप आई, हाथ छूने के लिये
छाँव छम से, नीचे कूदी, हँस के बोली आइये
यहाँ सुबह से खेला करती है शाम
चुलबुला ये, पानी अपनी, राह बहना भूलकर
लेटे लेटे, आइना चमका रहा है फूल पर
ये भोले से चेहरे हैं मासूम नाम
हवाओं पे लिख दो...
- गुलज़ार