तन्हाई की सज़ा
– शायरी
किसी रोज़ मेरे दिल से एक आवाज़ आएगी,
तेरी कमी तन्हाई में मेरी सज़ा बन जाएगी।
और चुपचाप रोता हूँ बेबसी की चादर ताने,
ये हँसी भी अब तेरे ग़म छुपाने का बहाना बन जाएगी।
तेरे बिना जी रहा हूँ, पर जीना आता नहीं मुझे,
तेरी यादें अब मेरी आँखों से ख़ून बहाएंगी।
✍️ Mohit Chauhan