🌙 ख़ुशबू-ए-पुराने लम्हे 🌙
नया सब अच्छा लगता है,
पर ज़ायका तो पुराने का है।
नई मंज़िलें चमक दिखाती हैं,
पर सुकून तो पुराने सफ़र में है।
नई बातें लुत्फ़ देती हैं,
पर अहसास तो पुराने लफ़्ज़ों में है।
नई महफ़िलें रौनक लाती हैं,
पर हमदर्दी तो पुराने यारों में है।
नया रिश्ता दिल छू लेता है,
पर वफ़ा तो पुराने क़समें-वादों में है।
नई राहें हौसला बढ़ाती हैं,
पर मंज़िल का इश्क़ पुराने में है।
ज़िंदगी बदलती है, लोग बदलते हैं,
मौसम बदलते हैं, चेहरे बदलते हैं,
पर खुशबू-ए-यादें वही रहती हैं,
जो पुराने लम्हों में कैद हैं…
NENSI VITHALANI