शब्द बदलाव लाते हैं,
ये केवल ध्वनि नहीं, विचारों के दीप जलाते हैं।
कभी शांति के सरोवर बन जाते,
कभी क्रांति की मशाल उठा जाते।
शब्दों से टूटे मन को सहारा मिलता है,
रेगिस्तान में नख़लिस्तान सा किनारा मिलता है।
एक कोमल स्पर्श बनकर घाव भरते हैं,
तो कभी युद्ध की आग में लपटें भी धरते हैं।
शब्द समय से भी आगे निकल जाते हैं,
किसी पुस्तक, किसी स्मृति में अमर हो जाते हैं।
इनसे संस्कृतियाँ गढ़ी जाती हैं,
और कभी साम्राज्य ध्वस्त हो जाते हैं।
सच है—
शब्दों में संसार बदलने की शक्ति है,
एक बीज हैं ये, जिनसे इतिहास पल्लवित होता है।
इसलिए सोच-समझकर इन्हें बोना चाहिए,
क्योंकि शब्द ही वह कलम हैं,
जिससे भविष्य का भाग्य लिखा जाता है।
आर्यमौलिक