Hindi Quote in Motivational by Agyat Agyani

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मशीन के भीतर एक मनुष्य ✧
विज्ञान, शिक्षा और धर्म—तीनों ने मिलकर हमें सुव्यवस्थित कर दिया है।
हमारे शब्द, हमारी मुस्कान, हमारे आँसुओं की समय-सारिणी बन गई है।
वह जीवन जो कभी अनिश्चित, खिलता और प्रयोगशील था, अब एक चुके हुए कार्यक्रम की तरह चलता है।

अस्तित्व कभी मशीन नहीं बनाता।
अस्तित्व जन्म देता है — विबन्धित, अराजक, कहीं-कहीं जर्जर पर जिंदा।
लेकिन समाज के नियमों ने उस जन्म को पॉलिश कर दिया; स्वभावों को मोड़ा गया, आकांक्षाओं को अभिलेखित कर दिया गया।

खतरा केवल बाहरी नहीं—खतरा भीतर दबी हुई ऊर्जा का है।
जिसे हमने अनदेखा कर रखा है, उसे हमने विवेक और अनुशासन के नाम पर दफना दिया।
इसी दमन से असुर की पीठ पर उभरे हुए छायाचित्र उभरते हैं; उसी दमन से देवत्व के गीत चुप होते हैं।

प्रकृति ने विविधता दी है: असुर, मानव और देव—तीनों संभावनाएँ हमारे भीतर बराबर मौजूद हैं।
लेकिन सभ्यता ने इन्हें इकठ्ठा कर अचेतन रूप से एक स्वरूप में बाँध दिया—एक तरह का 'ठीक' मनुष्य, जो प्रबंधनीय हो।
अगर राम या कृष्ण आज उठ खड़े हों, तो उन्हें न ही सम्मान मिलेगा न ही समझ; वे पागल या विद्रोही कहे जाएँगे।

असल विपत्ति यह नहीं कि कोई महान व्यक्ति जन्म ले—विपत्ति यह है कि उस जन्म का समाज से मेल नहीं बैठता।
भीड़ उस सत्ता को नकार देती है जो व्यवस्था के विरुद्ध बोले; और व्यवस्था ही भीड़ को आकार देती है।
इसलिए केवल तस्वीरों में ही देवता सुरक्षित हैं—जीवित होते तो असहज होते।

पर भीतर एक कणिका बची रहती है — वह सन्नाटा नहीं, हलचल है; वह पुर्जा नहीं, प्रवाह है।
वही कणिका पूछती है: क्या मैं पूरक हूं या स्वयं अस्तित्व?
यदि वह कणिका सुन पाई जाए, यदि उसे मौका दिया जाए — तो मशीन के भीतर भी एक मनुष्य फिर खिल उठेगा।

यह किसी भविष्यवाणी का कथन नहीं—सिर्फ एक सच की पहचान है।
हमारे समय का रहस्य यही है: व्यवस्था ने कितना भी समेट लिया, पर अस्तित्व की अनिश्चितता हमेशा कहीं न कहीं बची रहती है।
और उसी अनिश्चितता में असली मानव बनने की राह छिपी है।

🙏🌸 — 𝓐𝓰𝓎𝓪𝓣 𝓐𝓰𝓎𝓪𝓷𝓲

Hindi Motivational by Agyat Agyani : 112002796
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