कभी स्याही से वो आँसू लिख देता है,
कभी मुस्कान को मौसम बना देता है।
हर दर्द को लफ़्ज़ों में ढाल देता है,
हर ख़्वाब को सच में बदल देता है।
वो लेखक है — जो खामोशी को आवाज़ देता है,
जिसके शब्दों में पूरा आकाश रहता है।
कभी धूप की तरह तपता है उसका विचार,
कभी चाँदनी बनकर झरता है प्यार।
जब दुनिया सो जाती है, वो जगता है,
काग़ज़ों से बातें करता है, लिखता है।
कभी यादों के झोंके में बह जाता है,
कभी अपनी ही कहानी में खो जाता है।
उसकी कलम में इंद्रधनुष के सात रंग हैं,
हर शब्द में किसी आत्मा के संग हैं।
वो दुख को कविता बनाता है,
और टूटे सपनों को जीवन सिखाता है।
लोग कहते हैं — "बस कहानी है ये",
पर उसके लिए तो ये आत्मा की रवानी है ये।
हर अक्षर में एक साँस बसती है,
हर पंक्ति में एक दुनिया हँसती है।
वो किसी भीड़ में भी अकेला नहीं होता,
क्योंकि उसके शब्द उसके मेले होते।
हर लफ़्ज़ में उसकी पहचान झलकती है,
हर कविता में उसकी जान बसती है।
वो लेखक — जो खुद से संवाद करता है,
जो गिरकर भी सृजन में विश्वास करता है।
कभी टूटे शब्दों से ब्रह्मांड रच देता है,
कभी एक पंक्ति से इंसान बदल देता है।
उसकी कलम कोई साधारण चीज़ नहीं,
वो तो ईश्वर का एक उपहार है कहीं।
क्योंकि जो दुनिया देख नहीं पाती,
वो लेखक अपनी आँखों से दिखा देता है वहीं।