Hindi Quote in Poem by manoj

Poem quotes are very popular on BitesApp with millions of authors writing small inspirational quotes in Hindi daily and inspiring the readers, you can start writing today and fulfill your life of becoming the quotes writer or poem writer.

​"वो मिट्टी की खुशबू, वो आंगन की धूप,
याद आता है बचपन का वो भोला सा रूप।" ☀️

"वो परियों के किस्से, वो राजाओं की कहानी,
लोरी सुनाकर सुलाती थी वो बूढ़ी नानी।
तकिए के नीचे छुपे वो मीठे से सपने,
कहाँ खो गए वो दिन, और वो लोग अपने?" 🌙📖

"वो मिट्टी के चूल्हे, वो लकड़ी के खिलौने,
रोते-रोते सो जाना आंगन के किसी कोने।
कागज़ की वो कश्ती, वो बारिश का पानी,
आज भी याद आती है वो मासूम नादानी।

अब कंक्रीट के जंगलों में वो रौनक कहाँ,
ईंटों की इन दीवारों में वो बचपन कहाँ?
हाथों में अब खिलौने नहीं, मोबाइल का शोर है,
भागती इस ज़िंदगी का न जाने कौन सा छोर है। 💼📱

ढूंढता हूँ खुद को उन धूल भरी गलियों में,
उन कच्चे मकानों की तंग सी डगरियों में।
काश! फिर से कोई हाथ पकड़ कर ले जाए,
उसी बचपन के झूले में मुझे फिर से झुलाए।"🎒

"अब वो आंगन पराया हुआ, वो गलियां सो गईं,
बचपन की वो सभी खुशियां वक्त में खो गईं।
न वो नानी की लोरी है, न दादा का वो हाथ,
बस यादों की एक पोटली है अब हमारे साथ। 🎒


​लौटकर नहीं आएंगे वो दिन, ये दिल जानता है,
पर बंद आंखों में आज भी मन वही घर मानता है।
विदा उस बचपन को, जो अब बस एक तस्वीर है,
यादें ही अब जीने की हमारी असली जागीर है।" ✨📜

"धुंधले पड़ गए हैं अब वो घर जाने वाले रास्ते,
जहाँ कभी दौड़ते थे हम बस अपनों के वास्ते।
समय की धूल ने उन निशानों को मिटा दिया,
हकीकत ने बचपन के हर ख्वाब को सुला दिया। 🍂


अब चाहकर भी उस चौखट को चूम नहीं सकते,
उन पुरानी गलियों में फिर से घूम नहीं सकते।
बस ये चंद पंक्तियाँ ही उस दौर का ठिकाना हैं,
यादों के सहारे ही अब उस घर वापस जाना है।"

Hindi Poem by manoj : 112011053
New bites

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now