आजादी Quotes in Hindi, Gujarati, Marathi and English | Matrubharti

आजादी Quotes, often spoken by influential individuals or derived from literature, can spark motivation and encourage people to take action. Whether it's facing challenges or overcoming obstacles, reading or hearing a powerful आजादी quote can lift spirits and rekindle determination. आजादी Quotes distill complex ideas or experiences into short, memorable phrases. They carry timeless wisdom that often helps people navigate life situations, offering clarity and insight in just a few words.

आजादी bites

#महीना तो #आजादी का है

फिर भी ना जाने #कियू यह #दिल

तेरा #गुलाम क्या होता जा #रहा है Pagal...

✍️मैं #सूत्रधार ?!कविता
जैसा कि कहा जाता है, जहां ना पहुंचे रवि, वहां पहुंचे कवि। मैं भी पहुंच गया हूं, कवियों के बीच, टटोल रहा हूं सबकी नब्ज। जैसे चिकित्सक, राजनेता, अभिनेता, न्यायप्रणाली, रक्षातंत्र, अच्छी बुरे सब तरह के होते हैं, ऐसे ही #कवि भी हैं। एक फैशन सा चल पड़ा है। अपने नेमप्लेट या फेसबुक स्टेटस पर #समाजसेवी , #कवि #साहित्यकार लिखने का!

कवि क्या है?......
शब्दों का जादूगर!
या!
वाहवाही लूटने के लिए,
#मजमा लगाकर तालियां,
बटोर अपना रोजगार,
चलाने वाला एक,
#पेशेवर कामगार।।.....
कई बार कवि,
#संविदा पर भी,
नियुक्ति पाते हैं,
और #आयोजकों के अनुसार
चाटुकारिता के गीत गाते हैं।।.....
देश, दुनिया,
घर, समाज और
रीति, रिवाज पर
प्रहार, कटाक्ष
करने वाले,
#खुद ही, अपनों के बीच
सबसे पहले
#अमर्यादित हो जाते हैं।।.....

मैं सूत्रधार?......

ढूंढ़ रहा हूं उस,
रहीम,रसखान, तुलसी,कबीर,
रैदास,गुप्त, पंत,दिनकर,
जिन्होंने,
अलख जगाई #धर्म की,
जलाई मशाल #चेतना की,
और नई #दिशा दी,
गुलामी, दासता की मुक्ति से,
#आजादी की!!.....
अगर कहीं मिले आपको,
ऐसा कवि,
तो बताना!!
नहीं तो इन सभी,
शब्दों के जादूगरों,
को मेरा अभिवादन!!.....
कल फिर मिलेंगे,
किसी #मजमे में,
कवि, #गाल बजाएंगे,
और दर्शक बजाएंगे #ताली ,
किसी की जेब होगी ढीली,
तो कोई,
आयोजकों को मन ही मन देगा गाली।।.....

आजकल,
बूढ़ी काकियां भी,
बनी हुई हैं, साहित्यकार,
लेकर शब्द उधार,
गा रही हैं,
साहित्य के मल्हार.....
बच्चों से मतलब नहीं,
जो दादी को रहे पुकार,
चूल्हा,लकड़ी, हाथ की रोटी
और चटनी, साग की क्या कहें,
स्विगी (खाने मंगाने का एप) से,
खाना मंगवा कर,
दे रहीं दुलार,संस्कार........
जो चर्चा (याद) करें गांव की,
खरंजे,छप्पर, सौंधी मिट्टी की
जो एक दिन भी रह ना सकी,
कुआं,पनघट की छोड़ो,
एक गिलास पानी,
तो दे ना सकीं,
फेसबुक पर सारा समय,
बिताएं छुट्टियां यूरोप की,
करें?? बातें किस समाज की?....