poetrycommunity Quotes in Hindi, Gujarati, Marathi and English | Matrubharti

poetrycommunity bites

अच्छा बताओ ये चूड़ियां क्यों लाए हों,
तुम्हें पता है हमे यह ड्रामा पसंद नहीं हैं,

क्यों? वैसे कभी नॉर्मल हो जाया करो..।
पता नहीं कौनसी घुट्टी पीती हो..।
वैसे भला,
क्या बुराई है इन में..।
बोलो तो जरा.?

ये हमे रोकती हैं आगे बढ़ने से, हमे
डिस्टर्ब करती हैं, पढ़ने में....।

और यह बोध कराती हैं की एक लड़की
को यह पहनना होता है। पर यह क्यों ? ये
नहीं पता।

अच्छा अब ज्यादा ज्ञान मत , झाड़ो..।
सावन का महीना चल रहा है, हमें दिखी
और बहुत सारे लोग खरीद रहे थे, तो सोचा
हम भी खरीद लेते है...

पर तुम्हें तो " गोदान" की मिस ' मालती ' बनने की आदत जो है..।🙃
-shivaninany ✍️
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#संवाद
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#शायरी_अपनी_कलम_से
#मेरी_कलम_से
#किस्सागोई

जैसे निर्भय हो कोई नाहर विचरण करता है।
जैसे एक वीर योद्धा लाखों से रण करता है।।
जैसे सूरज मुक्त गगन में आता है जाता है।
जैसे कि अभिमन्यु व्यूह में घुसा चला आता है।।
वैसे ही आजाद स्वाद लेते थे आजादी का।
कारण बने हुए थे अंग्रेजों की बर्बादी का।।
अंग्रेजी शासन को उसने ऐसी सजा सुनाई।
गोरी चमड़ी लाल पड़ गई जिंदा पकड़ न पाई।।
जब तक जीवित रहा धरा यह नहीं हो सकी खण्डित।
आजाद सिर्फ आजाद हुआ गोरों को करके दण्डित।।
ऐसे वीर तनय को मैं करता हूँ, महिमा मण्डित।
आजाद जिआ जी भरके फिर आजाद उड़ गया पण्डित।।

#rambhadawar #Ajaad #JayHind #kavisammelan2022 #poetrycommunity #VeerRas #kavita #kavi - (राम भदावर)