उठते ही जो सामने चाहिए....
खाना, नींद , भूख , प्यास का मतलब सिखाने वाली......
छोटे छोटे पांव पर जोर देकर चलना सीखने वाली......
हमारे पहले दिन स्कूल जाने पर पहले रोने की आवाज सुनने वाली......
स्कूल की कहानियां सुनने वाली.......
बड़े होते देख खुश होने वाली......
अपनी सोच बताते ही रो देने वाली......
स्कूल तो खत्म हो गया अब कॉलेज के लिए परमिशन दिलवाने वाली.......
अब आप गलत हो मैं ही सही हूँ कहने वाले हम.......
पता नहीं हमारे मसले में क्यों आ जाते है......
कहने वाले हम........
कॉलेज, दोस्त सब छूट जाने के बाद याद आने वाली........
मैं ही गलत थी कह के माफ कर देने वाली .........
माँ का कोई एक दिन कैसे हो सकता है........
माँ you are really special for all the days bus yuh hi sath rehna ...........
💕🫰✨🍫🍫