मत ढूंढिए कोई बहाना,मत ढूंढिए फुर्सत के लम्हे
मत खीझिए उनके बार बार पुकारने, फोन करने पर
बात बेबात बात करिए उनसे, जिएं उनके संग हर पल
क्योंकि पिता रूपी मजबूत छत ने ही दुखों भरी आंधियों का सामना कर आपको सुख रूपी छांव में रखा हमेशा । उनसे ही आज दुनिया में आपका अस्तित्व व पहचान है। जीवन की इस सांझ में बिताएं उनके साथ कुछ वक्त
दीजिए उन्हें अपने मजबूत कंधों का सहारा क्योंकि
पिता जब एक बार चले जाते हैं ना..... दोस्तों फिर लौटकर नहीं आते। रह जाती है उनकी असीम यादें.......
जो वक्त बेवक्त आपके सीने में टीस सी बनकर
उठती है और आंखें नम कर जाती है।
@sarojप्रजापति✍️.....
- Saroj Prajapati