Chhoo Rahi Hai Teri Rooh"
कहीं गगन पे चल पंछी उड़,
राह में बसेरा प्यार से भर।
तेरे हद में रहे ये वादा,
उसे ही मैंने खुद में सँभाल रखा।
चाहत न यूँ गई ठुकरा सनम,
तू ही था मेरा — और रहेगा हर जनम।
छू रही है तेरी रूह को ये कसक,
तड़प... तड़प... तड़प
_Mohiniwrites