हर दर्द को हवा में उतारी न रखिए
ज़िंदगी है नदी
बहने दीजिए
हर पल को जी भर के जी लीजिए
सफ़र जारी रखिए
मुस्कान साथ रखिए
हर राह के फूलों को हाथ रखिए
धूप छाँव का खेल है प्यारा
आशा का सूरज है हमारा
कभी बादल
कभी नीला आसमान
कभी ख़्वाब
कभी टूटा अरमान
जैसे लहरें किनारों से मिलती
वैसे मुश्किलें भी थमती
खुद को संभालिए
खुद को सजाइए
आशा की लौ को जलाइए
हर हार में जीत छुपी होती
हर अंधेरे में सुबह होती
सफ़र जारी रखिए
मुस्कान साथ रखिए
हर राह के फूलों को हाथ रखिए
धूप छाँव का खेल है प्यारा
आशा का सूरज है हमारा
DHAMAk