Good Morning
आज 10 महीने बाद वो मुझसे मिलने आई थी
आज भी वो सादगी में वैसे ही लग रही थी
जैसे में उसे उस टाइम छोड़ के गया था
काले झुमके में
वहीं चूड़ी वही बिंदी
वैसे ही साधारण सी भोली से
मुझे देखते आंखों में आंसु भर के रोने लगी
मुझे उसका ये सब्र अच्छा लगता हैं
उसका इंतजार अच्छा लगता है
मेरे घर से 80 Km दूर रहती हैं
जैसे ही मैने कहा में घर आ गया हू
दौड़ी दौड़ी चली आई वो मुझे देखने
आज में भी ये जान गया उससे ज्यादा प्यार मुझे
कोई नहीं कर सकता
उसके जैसी कोई हो भी नहीं सकती
अगर उसकी जगह कोई और होती तो
इतना नहीं करती
हमारी बात कम होती हैं पर
उसे इस बात का कोई फर्क नहीं पड़ता वो
बस इतना कहती हैं
मेहनत करो कुछ बनना है तुम्हे
में तो हर रोज मंदिर में बस तुम्हारी सफलता का ही
ध्यान करती हूं
में जितना तुम्हे चाहती हू
उतना ही तुम्हे भगवान से मांगती हूं
आज वो मुझसे मिलने आई