Hindi Quote in Motivational by Vedanta Two Agyat Agyani

Motivational quotes are very popular on BitesApp with millions of authors writing small inspirational quotes in Hindi daily and inspiring the readers, you can start writing today and fulfill your life of becoming the quotes writer or poem writer.

✧ जीवन का दिव्य सूत्र — Vedānta 2.0 ✧
© 🙏🌸 — 𝓐𝓰𝓎𝓪𝓣 𝓐𝓰𝓎𝓪𝓷𝓲

मनुष्य से बार-बार कहा जाता है—
“आत्मिक बनो, कर्तव्य श्रेष्ठ बनाओ,
करुणा, प्रेम, दया और शांति को अपनाओ।”

पर सत्य यह है कि
ये मूल तत्त्व बुद्धि के क्षेत्र के नहीं हैं।

बुद्धि ज्ञान, विज्ञान, तकनीक, राजनीति और व्यापार जैसी
सारी बाह्य आवश्यकताओं की पूर्ति करती है—
पर जीवन नहीं देती।

जब मनुष्य जीवन को केवल
ज़रूरत, विकास, राजनीति या व्यापार का बहाव मान लेता है,
तब वह दिव्यता का अनुभव खो देता है।

✧ जीवन का सूत्र ✧
वास्तविक जीवन-बोध तब होता है
जब मनुष्य बुद्धि के द्वार को पार करके हृदय में ठहरता है।

ज़रूरतों के पार जाना—
यही जीवन का मूल सूत्र है।

भोजन, पूजा, साधना, भक्ति—
यदि ये सब केवल बुद्धि-प्रधान कर्म हैं
तो उनसे भीतर का धर्म, आत्मा या परम तत्त्व प्रकट नहीं होता।

कर्मकांड बुद्धि में खड़े होकर किए गए कार्य हैं।
पर जीवन का विज्ञान—
हृदय में है, आत्मा के केंद्र में है।

✧ बुद्धि और हृदय का अंतर ✧
पूरा जगत बुद्धि पर खड़ा है।
विज्ञान बुद्धि का सेवक है—
जोड़ना, घटाना, नापना, नियंत्रित करना।

पर आत्मा, परमेश्वर, परम तत्त्व—
इनका निवास हृदय है।

वहाँ कोई गणना नहीं चलती,
कोई यंत्र काम नहीं करता।

✧ पुरुष, स्त्री और ऊर्जा का रहस्य ✧
जब पुरुष श्री को देखता है—
स्त्री को, प्रकृति को, ऊर्जा को—
तो उसके भीतर गृह, प्रेम और अस्तित्व की आकांक्षा जागती है।

उसकी दृष्टि हृदय और स्तन-केंद्र पर टिकती है—
क्योंकि वह जीवन की ऊर्जा चाहता है।

मानव शरीर के
पाँच केंद्र,
पाँच कर्मेन्द्रियाँ,
पाँच इन्द्रियाँ—
सब एक गहरी लय में संचालित हैं।

✧ ऊर्जा कहाँ है? ✧
बुद्धि सबसे अधिक जड़ स्थान है।
ऊर्जा चाहिए—
तो नीचे उतरना पड़ेगा, मूलाधार में।

वहीं से शुद्ध जीवन,
शक्ति,
स्वास्थ्य
निरंतर प्रवाहित होते हैं।

यदि केवल बुद्धि में जीना है—
तो मशीन की तरह
बाहरी जगत को नियंत्रित करने का
असंभव प्रयास करते रहो।

यदि हृदय में ठहरना है—
तो जीवन को समझ सकोगे
और बुद्धि को सही दिशा दे सकोगे।

✧ काम, प्रेम और चैतन्य ✧
तुला हृदय में खड़ी है।
जब वहाँ से दृष्टि मूलाधार की ओर जाती है—
तो ऊर्ध्वगमन,
चैतन्य,
और प्रेम जागता है।

जब केवल बुद्धि-तल पर खड़े रहते हैं—
तो कामना बाहर ही बहती है,
और जीवन जड़ रह जाता है।

हृदय में आने पर—
आत्मबोध,
सौंदर्य,
प्रेम,
और स्त्रीत्व के साथ
गहन संबंध स्थापित होता है।

✧ सभ्यता की भूल ✧
पुरुष हृदय में असफल रहा,
इसलिए उसने स्त्री को बुद्धि-तल पर ला खड़ा किया।

जबकि स्त्री का सत्य अनुभव
हृदय, आत्मा और ऊर्जा में है—
गणना और तुलना में नहीं।

बुद्धि केवल
गणना,
स्पर्धा,
तुलना करती है।

हृदय में न उच्च-नीच है,
न प्रतिस्पर्धा—
वहाँ सृजन, रचनात्मकता और अस्तित्व से साक्षात्कार है।

✧ निष्कर्ष · Vedānta 2.0 ✧
यही जीवन का मौलिक सत्य है—

हृदय में उतरना,
बुद्धि का द्वार पार करना—
ताकि जीवन की वास्तविक संपदा
और दिव्यता को जाना जा सके।

Hindi Motivational by Vedanta Two Agyat Agyani : 112008542
New bites

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now