बडा़ सा बंगला , पेड़ पौधो से घिरा हुआ ।एक बडा़ सा गेट जहा से एक लड़का , जिसकी उम्र पंद्रा से सोलह साल, होंगी । वो बेसूद सा होकर अंदर आया और बगंले के अंदर गया ।उसने चारो तरफ अपनी नजरे दौडा़ई । उसे जैसे किसी यादो ने घेर लिया । उसकी नजरे पत्थर से भी ज्यादा कठोर हो गई । उसे अपने आस पास किसी की आहट महसूस हुई तबतक एक बडा़ सा बर्तन जो उसकी दाय तरफ था वो हिला । उसके कान चौकन्दा हो गए , उसने उस तरफ देखा और गुस्से से चारो तरफ नजरे दौडा़ई । उसके हाथ मिट्टी से सने , कपडे़ लडे हुए थे । वो चुपचाप खडा़ होकर गुस्से से फुंकार रहा था । पूरे बंगले मे सन्नाटा था । आचानक से उसके चारो तरफ उसके ऊमर से ज्यादा बडे़ लोग आ गए और उसकी गर्दन मे बंदूक तान दी । वो लड़का अभी भी बस फुंकारे मार रहा था ।

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Dastane - ishq - 1

बडा़ सा बंगला , पेड़ पौधो से घिरा हुआ ।एक बडा़ सा गेट जहा से एक लड़का , जिसकी पंद्रा से सोलह साल, होंगी । वो बेसूद सा होकर अंदर आया और बगंले के अंदर गया ।उसने चारो तरफ अपनी नजरे दौडा़ई । उसे जैसे किसी यादो ने घेर लिया । उसकी नजरे पत्थर से भी ज्यादा कठोर हो गई । उसे अपने आस पास किसी की आहट महसूस हुई तबतक एक बडा़ सा बर्तन जो उसकी दाय तरफ था वो हिला । उसके कान चौकन्दा हो गए , उसने उस तरफ देखा और गुस्से से चारो तरफ नजरे ...Read More

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Dastane - ishq - 2

दुसरी तरफ सोफे मे बैठे हुए इंसान ने बंदूक पकडी़ और उस लड़के पर तान दी ।हाथ मे गन आदमी टेडा़ हसँकर बोला : " क्या हुआ डर लग रहा है ? अपनी मौत को देखकर ?" वो आदमी उस लड़के को डराते हुए बोला ।लड़के की आँखें अंगारो सी लाल थी । वो रोना चाहता था पर उसे बीती बाते याद आई ।" अगर ऐसे ही रोएगा , तो मजबूत कैसे बनेगा ? , काटो से ही चलकर मंजिल मिलती है , जितना दर्द तू सहेगा , उतना मजबूत तू बनेगा , इसलिए ये बच्चों की तरहा रोना ...Read More