गांव की सबसे पुरानी हवेली के बारे में लोगों के बीच एक अजीब-सा डर और रहस्य था। कोई भी वहां देर तक नहीं रुकता था। कहते थे कि उस हवेली में खामोशी ही नहीं, बल्कि एक बड़ा राज छुपा हुआ है। सालों से वो हवेली वीरान पड़ी थी, लेकिन रात के अंधेरे में वहां से अजीब-सी आवाजें आती थीं, जो हर किसी के रोंगटे खड़े कर देती थीं। रवि, जो शहर में पढ़ाई कर रहा था, कुछ दिन पहले ही अपने गांव वापस आया था। उसने ये बातें सुनीं तो उसकी जिज्ञासा बढ़ गई। वह समझ नहीं पा रहा था कि आखिर उस खामोशी के पीछे क्या राज छुपा है। उसकी आंखों में सवाल और दिल में जोश था कि वह इस रहस्य को सुलझाएगा।
Full Novel
खामोशी का राज - पार्ट 1
Part- 1. खामोशी का राजगांव की सबसे पुरानी हवेली के बारे में लोगों के बीच एक अजीब-सा डर और था। कोई भी वहां देर तक नहीं रुकता था। कहते थे कि उस हवेली में खामोशी ही नहीं, बल्कि एक बड़ा राज छुपा हुआ है। सालों से वो हवेली वीरान पड़ी थी, लेकिन रात के अंधेरे में वहां से अजीब-सी आवाजें आती थीं, जो हर किसी के रोंगटे खड़े कर देती थीं।रवि, जो शहर में पढ़ाई कर रहा था, कुछ दिन पहले ही अपने गांव वापस आया था। उसने ये बातें सुनीं तो उसकी जिज्ञासा बढ़ गई। वह समझ नहीं ...Read More
खामोशी का राज - पार्ट 2
खामोश का राज– पार्ट 2अर्शा ने धीरे-धीरे वह पुरानी, धूल भरी डायरी खोली। उसकी उंगलियां कांप रही थीं, जैसे गहरे रहस्य को छूने का एहसास हो। वह पन्ने पलटते गई, जहां दादी की लिखी हुई बातें उसे एक अजीब सी दुनिया में ले जा रही थीं — एक ऐसी दुनिया जहाँ हर खुशियों के पीछे छुपा था कोई दर्द, हर मुस्कान के पीछे कोई छुपा हुआ राज।"यह राज… इतनी गहराई से क्यों छुपाया गया?" अर्शा ने खुद से सवाल किया।डायरी में दादी ने लिखा था कि उनके परिवार में एक समय ऐसा था, जब रिश्ते टकराए थे, विश्वास टूटे ...Read More
खामोशी का राज - पार्ट 3
खामोशी का राज– पार्ट 3अर्शा के मन में सवालों का तूफान मचा हुआ था। उस आदमी की बातें उसके में बार-बार गूँज रही थीं — “खतरा,” “सच,” और “परिवार के छुपे हुए जख्म।” अब वह समझ गई थी कि यह सिर्फ कोई पुराना झगड़ा नहीं था, बल्कि एक ऐसी कहानी थी, जो उसके पूरे परिवार की तसवीर बदल सकती थी।अगले दिन अर्शा ने उस आदमी से मिलने का फैसला किया। वह उसे ढूंढ़ती हुई एक पुरानी, सुनसान हवेली तक पहुंची, जहां वह अक्सर आता था। हवेली के अंदर घुसते ही उसे ठंडी हवा का झोंका महसूस हुआ। वह आदमी ...Read More
खामोशी का राज - पार्ट 4
खामोशी का राज – पार्ट 4अर्शा ने ठाना था कि अब वह अपने परिवार के सदस्यों से मिलकर इस की परतें खोलना शुरू करेगी। उसने सबसे पहले अपनी माँ से बात करने की सोची, क्योंकि माँ ही परिवार की सबसे बड़ी राखी थी, जो कई राज़ों को छुपाए हुए थी।“माँ, मुझे उस डायरी में जो लिखा है, उसके बारे में बात करनी है,” अर्शा ने एक शाम अपने माँ से कहा।माँ ने कुछ पल तक चुप्पी साधी, फिर धीरे-धीरे बोली, “बेटा, कुछ सच ऐसे होते हैं, जो सुनने और जानने दोनों में दर्द देते हैं। पर अब जब तुम ...Read More
खामोशी का राज - पार्ट 5 (अंतिम भाग)
खामोशी का राज– पार्ट 5अर्शा अब पूरी तरह सच के लिए तैयार थी। उसने परिवार के उन सदस्यों से बात करनी शुरू की, जो पहले खामोशी के पर्दे के पीछे छिपे थे। हर एक के चेहरे पर उस राज़ की छाया थी, लेकिन अब उनकी खामोशी टूटने लगी थी।एक शाम, परिवार की बड़ी बैठक बुलाई गई। घर का माहौल कुछ अलग था—कुछ लोग डरे हुए, कुछ बेचैन। अर्शा ने दिल पकड़ कर सबके सामने कहा, “हमने बहुत समय खामोशी में बिताया, लेकिन अब सच को छुपाना बंद करना होगा। जो कुछ भी हुआ, उसे स्वीकार करके हम एक नया ...Read More