Part- 1. खामोशी का राज
गांव की सबसे पुरानी हवेली के बारे में लोगों के बीच एक अजीब-सा डर और रहस्य था। कोई भी वहां देर तक नहीं रुकता था। कहते थे कि उस हवेली में खामोशी ही नहीं, बल्कि एक बड़ा राज छुपा हुआ है। सालों से वो हवेली वीरान पड़ी थी, लेकिन रात के अंधेरे में वहां से अजीब-सी आवाजें आती थीं, जो हर किसी के रोंगटे खड़े कर देती थीं।
रवि, जो शहर में पढ़ाई कर रहा था, कुछ दिन पहले ही अपने गांव वापस आया था। उसने ये बातें सुनीं तो उसकी जिज्ञासा बढ़ गई। वह समझ नहीं पा रहा था कि आखिर उस खामोशी के पीछे क्या राज छुपा है। उसकी आंखों में सवाल और दिल में जोश था कि वह इस रहस्य को सुलझाएगा।
एक शाम, जब सब सो रहे थे, रवि ने ठाना कि वह उस हवेली की सच्चाई खुद पता लगाएगा। उसने एक टॉर्च ली और हवेली की तरफ चल पड़ा। हवेली का दरवाजा जर्जर था, लेकिन उसकी हिम्मत देखो, उसने दरवाजा जोर से धकेल दिया। दरवाजा चरमराते हुए खुल गया और अंदर से ठंडी हवा का झोंका निकला।
अंदर का माहौल बिल्कुल सन्नाटा था, जैसे समय भी वहां रुक गया हो। हवेली के फर्नीचर धूल से ढके थे, दीवारों पर पुरानी तस्वीरें लगी थीं, जिनकी आंखें जैसे कहानी सुनाने को बेकरार थीं। रवि के कदमों की आवाज वहां की खामोशी को तोड़ रही थी।
वह धीरे-धीरे एक कमरे में पहुंचा, जहां फर्श पर पुरानी डायरी पड़ी थी। रवि ने उसे उठाया, हाथ कांप रहे थे। डायरी की جلد फटी हुई थी, और पन्ने पीले पड़ चुके थे। उसने धीरे-धीरे पन्ने पलटने शुरू किए।
हर पन्ने पर लिखी बातें एक गहरी कहानी बयां कर रही थीं — दर्द, विश्वासघात, और एक छुपा हुआ सच। उस डायरी में एक परिवार की कहानी थी, जिनके बीच विवादों और खामोशियों ने धीरे-धीरे सब कुछ तबाह कर दिया था।
रवि पढ़ते-पढ़ते थम गया, क्योंकि उसे लगा जैसे कोई उसकी बातें सुन रहा हो। उसने आस-पास देखा, लेकिन वहां केवल खामोशी थी। अचानक, हवेली की एक खिड़की अपने आप चरमराई और हवा का एक ठंडा झोंका आया। रवि का दिल जोर से धड़कने लगा।
उसे समझ नहीं आ रहा था कि क्या ये सब उसके दिमाग की चाल है या सच में हवेली में कोई रहस्य छुपा हुआ है। वह डायरी को और करीब से पढ़ने लगा, लेकिन तभी बाहर से दूर किसी ने कुछ कहा, जो लगभग एक फुसफुसाहट जैसी थी — “खामोशी का राज खुलने वाला है…”
रवि ने डर और उत्सुकता के बीच खुद को संभाला। उसने मन बनाया कि वह इस राज का पर्दाफाश करेगा, चाहे कुछ भी हो जाए। हवेली की खामोशी अब उसे और भी खींच रही थी
गांव की सबसे पुरानी हवेली के बारे में लोगों के बीच एक अजीब-सा डर और रहस्य था। कोई भी वहां देर तक नहीं रुकता था। कहते थे कि उस हवेली में खामोशी ही नहीं, बल्कि एक बड़ा राज छुपा हुआ है। सालों से वो हवेली वीरान पड़ी थी, लेकिन रात के अंधेरे में वहां से अजीब-सी आवाजें आती थीं, जो हर किसी के रोंगटे खड़े कर देती थीं।
रवि, जो शहर में पढ़ाई कर रहा था, कुछ दिन पहले ही अपने गांव वापस आया था। उसने ये बातें सुनीं तो उसकी जिज्ञासा बढ़ गई। वह समझ नहीं पा रहा था कि आखिर उस खामोशी के पीछे क्या राज छुपा है। उसकी आंखों में सवाल और दिल में जोश था कि वह इस रहस्य को सुलझाएगा।
एक शाम, जब सब सो रहे थे, रवि ने ठाना कि वह उस हवेली की सच्चाई खुद पता लगाएगा। उसने एक टॉर्च ली और हवेली की तरफ चल पड़ा। हवेली का दरवाजा जर्जर था, लेकिन उसकी हिम्मत देखो, उसने दरवाजा जोर से धकेल दिया। दरवाजा चरमराते हुए खुल गया और अंदर से ठंडी हवा का झोंका निकला।
अंदर का माहौल बिल्कुल सन्नाटा था, जैसे समय भी वहां रुक गया हो। हवेली के फर्नीचर धूल से ढके थे, दीवारों पर पुरानी तस्वीरें लगी थीं, जिनकी आंखें जैसे कहानी सुनाने को बेकरार थीं। रवि के कदमों की आवाज वहां की खामोशी को तोड़ रही थी।
वह धीरे-धीरे एक कमरे में पहुंचा, जहां फर्श पर पुरानी डायरी पड़ी थी। रवि ने उसे उठाया, हाथ कांप रहे थे। डायरी की جلد फटी हुई थी, और पन्ने पीले पड़ चुके थे। उसने धीरे-धीरे पन्ने पलटने शुरू किए।
हर पन्ने पर लिखी बातें एक गहरी कहानी बयां कर रही थीं — दर्द, विश्वासघात, और एक छुपा हुआ सच। उस डायरी में एक परिवार की कहानी थी, जिनके बीच विवादों और खामोशियों ने धीरे-धीरे सब कुछ तबाह कर दिया था।
रवि पढ़ते-पढ़ते थम गया, क्योंकि उसे लगा जैसे कोई उसकी बातें सुन रहा हो। उसने आस-पास देखा, लेकिन वहां केवल खामोशी थी। अचानक, हवेली की एक खिड़की अपने आप चरमराई और हवा का एक ठंडा झोंका आया। रवि का दिल जोर से धड़कने लगा।
उसे समझ नहीं आ रहा था कि क्या ये सब उसके दिमाग की चाल है या सच में हवेली में कोई रहस्य छुपा हुआ है। वह डायरी को और करीब से पढ़ने लगा, लेकिन तभी बाहर से दूर किसी ने कुछ कहा, जो लगभग एक फुसफुसाहट जैसी थी — “खामोशी का राज खुलने वाला है…”
रवि ने डर और उत्सुकता के बीच खुद को संभाला। उसने मन बनाया कि वह इस राज का पर्दाफाश करेगा, चाहे कुछ भी हो जाए। हवेली की खामोशी अब उसे और भी खींच रही थी।
लेकिन ये क्या? अचानक, हवेली की एक पुरानी घड़ी ने अजीब सी आवाज़ निकालनी शुरू कर दी — एक ऐसा संगीत जो उसे कहीं सुना हुआ लग रहा था, पर याद नहीं आ रहा था। क्या ये कोई संकेत था? या फिर हवेली का कोई भूतिया संदेश?
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अगला भाग जरूर पढ़ना, क्योंकि
"खामोशी का राज" अभी शुरू ही हुआ है।🙏🙏
✍️✍️ Kapilprem 01