खामोश का राज– पार्ट 2
अर्शा ने धीरे-धीरे वह पुरानी, धूल भरी डायरी खोली। उसकी उंगलियां कांप रही थीं, जैसे किसी गहरे रहस्य को छूने का एहसास हो। वह पन्ने पलटते गई, जहां दादी की लिखी हुई बातें उसे एक अजीब सी दुनिया में ले जा रही थीं — एक ऐसी दुनिया जहाँ हर खुशियों के पीछे छुपा था कोई दर्द, हर मुस्कान के पीछे कोई छुपा हुआ राज।
"यह राज… इतनी गहराई से क्यों छुपाया गया?" अर्शा ने खुद से सवाल किया।
डायरी में दादी ने लिखा था कि उनके परिवार में एक समय ऐसा था, जब रिश्ते टकराए थे, विश्वास टूटे थे और एक ऐसा हादसा हुआ था, जिसे किसी ने स्वीकार नहीं किया। उस हादसे ने परिवार की ज़मीन हिला दी, लेकिन सबने उस सच को खामोशी में दफना दिया।
अर्शा को एहसास हुआ कि यह राज सिर्फ एक कहानी नहीं, बल्कि उसकी अपनी जड़ों से जुड़ा हुआ सच था। उसने दादी के कई खत पढ़े, जिनमें एक नाम बार-बार आता था — “आरव”। वह नाम परिवार में किसी से जुड़ा था, लेकिन किसी ने उसकी बात कभी नहीं की।
अर्शा ने तय किया कि वह उस राज की तह तक जाएगी। पर जैसे ही वह उस रहस्य की ओर बढ़ी, घर का माहौल अचानक बदल गया। रात के सन्नाटे में दरवाज़े पर जोरदार दस्तक हुई। उसका दिल तेज़ी से धड़कने लगा।
दरवाज़ा खोलते ही उसके सामने एक अंजान आदमी खड़ा था। उसकी आंखों में ठंडक और गहराई थी, मानो वह भी उस खामोशी की कहानी का हिस्सा हो।
“तुमने डायरी पढ़ ली?” उसने आवाज़ में गंभीरता और चेतावनी दोनों मिलाकर कहा।
अर्शा ने निडर होकर जवाब दिया, “हां, और मैं जानना चाहती हूं कि सच क्या है।”
आदमी ने धीमे से कहा, “सच जानना आसान नहीं, अर्शा। यह राज कई लोगों के लिए खतरा है। तुम्हें सतर्क रहना होगा।”
अर्शा की जिज्ञासा बढ़ी। उसने पूछा, “क्या तुम उस राज से जुड़ा हो?”
आदमी ने एक गहरी सांस ली, “मैं वह हूँ जो उस राज को जानता है, और मैं चाहता हूं कि तुम भी इसे समझो। पर इसके लिए तुम्हें तैयार होना होगा।”
अर्शा ने ठाना कि वह पीछे नहीं हटेगी। उसे पता था कि उस राज में छुपा सच उसके और उसके परिवार के लिए बहुत मायने रखता है। उसने उस आदमी से कहा, “मुझे बताओ, मैं सुनना चाहती हूं।”
वह आदमी थोड़ा मुस्कुराया, “ठीक है, लेकिन यह सुनना तुम्हारे लिए आसान नहीं होगा।”
फिर उसने शुरू किया वह कहानी, जो वर्षों से खामोशी के पर्दे में छिपी हुई थी।
कई साल पहले, अर्शा की दादी और एक करीबी रिश्तेदार के बीच एक गहरा झगड़ा हुआ था। उस झगड़े की वजह से परिवार के एक सदस्य ने ऐसा कदम उठाया, जिसने सभी के जीवन को बदल दिया। सबने उस हादसे को छुपाने की कोशिश की, पर सच्चाई अपने आप को छुपा नहीं पाई।
अर्शा की दादी ने उस दर्द को सहते हुए भी परिवार को बचाने की पूरी कोशिश की। डायरी में वह अपनी भावनाएं लिखती रही, लेकिन कभी किसी से खुलकर बात नहीं कर पाई।
“यह खामोशी ही उस राज की असली ताकत है,” वह आदमी बोला। “जो इसे तोड़ेगा, वह परिवार के उन छुपे हुए जख्मों को भी सामने लाएगा।”
अर्शा ने दिल में ठान लिया कि वह उस खामोशी को तोड़ेगी। चाहे जो भी हो, वह अपने परिवार के लिए सच को उजागर करेगी।
लेकिन उसने यह नहीं जाना कि इस खामोशी के पीछे छुपा था एक और बड़ा खतरा — एक ऐसा राज जो न केवल उसके परिवार को, बल्कि उसकी ज़िंदगी को भी खतरे में डाल सकता था।
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