Khamoshi ka Raj - 3 in Hindi Horror Stories by Kapil books and stories PDF | खामोशी का राज - पार्ट 3

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खामोशी का राज - पार्ट 3

खामोशी का राज – पार्ट 3

अर्शा के मन में सवालों का तूफान मचा हुआ था। उस आदमी की बातें उसके दिमाग़ में बार-बार गूँज रही थीं — “खतरा,” “सच,” और “परिवार के छुपे हुए जख्म।” अब वह समझ गई थी कि यह सिर्फ कोई पुराना झगड़ा नहीं था, बल्कि एक ऐसी कहानी थी, जो उसके पूरे परिवार की तसवीर बदल सकती थी।

अगले दिन अर्शा ने उस आदमी से मिलने का फैसला किया। वह उसे ढूंढ़ती हुई एक पुरानी, सुनसान हवेली तक पहुंची, जहां वह अक्सर आता था। हवेली के अंदर घुसते ही उसे ठंडी हवा का झोंका महसूस हुआ। वह आदमी पहले से ही वहां इंतजार कर रहा था।

“मैं तैयार हूं जानने के लिए,” अर्शा ने साहस से कहा।

उसने धीमे से एक थैले से कुछ पुराने कागज़ और तस्वीरें निकालीं। “यह देखो, ये सब उस समय के सबूत हैं। ये सब बातों को सच साबित करते हैं।”

अर्शा ने तस्वीरों को गौर से देखा। उनमें से एक तस्वीर में उसके दादी, एक आदमी और एक औरत साथ खड़े थे। पर तस्वीर के पीछे लिखा था—“परिवार टूट रहा है।”

“यह कौन है?” उसने पूछा।

“यह आरव है, उस राज की चाबी,” वह आदमी बोला। “आरव वो था, जिसे परिवार ने भुला दिया, लेकिन उसने अपनी मुक्ति के लिए कुछ बहुत बड़ा किया।”

अर्शा ने कागज़ों को और ध्यान से पढ़ना शुरू किया। उसमें लिखा था कि आरव ने परिवार के एक बड़े कारोबार में धोखा दिया था, जिससे परिवार के कई सदस्य बर्बाद हो गए। पर धोखा किसने दिया, और क्यों? यह सवाल अब भी अनसुलझा था।

“क्या दादी को इस बारे में पता था?” अर्शा ने पूछा।

“हां, दादी ने उस धोखे को समझा था, इसलिए उसने अपने दर्द को छुपाकर परिवार को बचाने की कोशिश की। लेकिन सच छुपाना आसान नहीं था।”

अर्शा ने दिल में ठाना कि वह इस धोखे का पर्दाफाश करेगी। पर तभी हवेली के बाहर तेज़ कदमों की आवाज़ आई। वह आदमी तेजी से खड़ा हुआ। “तुम्हें यहां से जाना होगा, वरना खतरा तुम्हें भी घेरेगा।”

अर्शा ने सवाल किया, “कौन? क्या सच में कोई अब भी उस राज को छुपाने के लिए कुछ कर सकता है?”

आदमी ने सिर हिलाया, “हाँ, और वे अब तुम्हारे पीछे हैं।”

अर्शा का दिल जोर से धड़कने लगा। उसे समझ आ गया कि उसके कदम सही दिशा में हैं, पर उसे अब बहुत सावधानी बरतनी होगी।

वह आदमी हवेली से बाहर चला गया, और अर्शा अकेली रह गई। लेकिन उसका हौसला टूटना नामुमकिन था।

वह वापस घर आई, और डायरी फिर से खोली। उसने लिखा था कि खामोशी कभी-कभी सुरक्षा नहीं, बल्कि एक जाल होती है।

अर्शा ने तय किया कि वह उस जाल को तोड़ेगी। वह अपने परिवार के हर सदस्य से बात करेगी, हर सच्चाई को बाहर लाएगी।

पर क्या वह समझ पाएगी कि सच को उजागर करना हमेशा आसान नहीं होता? क्या वह तैयार थी अपने परिवार के सबसे गहरे राज के लिए?

खामोशी की इस दीवार के पीछे अब एक नया अध्याय लिखा जाना था — जो न केवल परिवार के अतीत को बल्कि भविष्य को भी बदल देगा।


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अगर आप चाहें तो मैं आगे की कहानी भी लिख सकता हूँ या किसी खास दिशा में मोड़ ला सकता हूँ। कैसी लगी ये कहानी?✍️✍️