Bandhan Pyar ka - 43 in Hindi Fiction Stories by Kishanlal Sharma books and stories PDF | बन्धन प्यार का - 43

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बन्धन प्यार का - 43

और  आगरा घूमने के बाद वे वापस दिल्ली लौट आये थे।और अगले ही दिन मरियम का फोन आ गया,"आज शाम को मैं दिल्ली आ रही हूँ।""दिल्ली में कहां?"

°लक्ष्मीनगर।"

"मुझे पता नहीं, कहां है,"हिना बोली,"ले मेरे पति से बात कर।"

और हिना ने मोबाइल नरेश को पकड़ा दिया।नरेश बात करता रहा और फिर बोला,"मैं ओला कर दूंगा।आप सीधे आ जाएं।"

"नहीं,"मरियम बोली,"आज तो सीधे वहीं जायेगे,।कल बता दूंगी।"

और हिना अपनी सहेली का  इन तजार करने लगी।दूसरे दिन मरियम का फोन आया था।हिना ने पति को पकड़ा दिया।नरेश ने ओला बुक कर दी थी।और एक घण्टे बाद ओला आकर उनके दरवाजे पर रुकी थी।हिना और नरेश बाहर चले गये।मरियम  टैक्सी से उतरते ही हिना से गले  लिपट गयी।सालों बाद दोनों सहेलियां मिल रही थी।फिर हिना परिचय कराती हुई बोली"नरेश मेरे पति

हिना बोली,"और मरियम के बारे में तो मैने तुम्हे बता रखा है

फिर वह अंदर आ गये हिना अपनी सास से मरियम का परिचय कराया था।मीरा ने चाय नाश्ता बना रखा था।नरेश किचन से ट्रे ले आया।।चारो बैठकर बातें करने लगें।और फिर नरेश बाजार चला गया।हिना और मरियम कमरे में आ गई।मरियम बोली,"क्या तू नरेश के साथ काम करती थी।""नही तो?"

"फिर प्यार और शादी?"

"वो इत्तफाक था।"हिना ने अपनी प्रेम कहानी मरियम को बताई थी।और दोनों सहेली बाते  करने लगी।हिना बोली,"तूने निकाह नही किया

"किया था पर

"पर क्या

"एक साल में ही तलाक हो गया।

"ऐसा क्यों?"

"जनाब को दूसरी पसन्द आ गई ।मैं सौतन बनने के लिय तैयार नही थी।"

"औरतों के साथ ही यह जुल्म होता है।"

"इस जुल्म के लिये भी औरत ही दोषी है।"

"वो कैसे?"

"यह जानते हुए भी की मर्द का निकाह हो चुका है, वे शादी को तैयार हो जाती है।दूसरी औरत का आशियाना उजाड़कर अपना बनाना चाहती हैं।

"सही बात है।"

और मरियम, हिना और नरेश के साथ दिल्ली घूमने गयी थी।सब तरफ अमन चैन कोई भेदभाव नही।सब आराम से रह रहे हैं।

मरियम अपने साथ हिना और नरेश को शादी में ले गयी थी।मरियम एक सप्ताह के लिय भारत आई थी।कोई शादी में बोली मरियम से,"भारत मे ही रह जाओ।"

"ह हमारे दादा अपना देश छोड़कर चले गए थे, वह रहे नही अब हम भुगत रहे हैं।"

"तो अब आ जाओ।"

"अब कैसे आ जाऊं?"

"अरे यहा किसी से शादी कर लो।"

",किस्से?"

और अगले दिन नरेश का कॉलेज का दोस्त सुधीर आया था।उस समय ड्राइंग रूम में हिना के साथ मरियम भी बैठी थी।उस रूपसी को देखकर सि  सुधीर मोहित हो गया।नरेश उस समय बाहर गया हुआ था।कुछ देर बात करने के बाद वह चला गया।

नरेश काफी देर बाद लौटा था।हिना बोली,"तुम्हारी वजह से अभी तक खाना नही बना1।

"अब खाने को छोड़ो

नरेश छोले भटूरे,इमरती और समोसे लाया था।हिना बोली,"तुम्हारा दोस्त आया था।"

"अरे उस का फोन आ गया

नरेश बोला,"तुम एक मिनट को आओ

",ऐसी क्या बात है जो अकेले में ले आये "

"सुधीर तुम्हारी सहेली पर मोहित हो गया और उसे अपनी बनाना चाहता है।"

"सच?"

",हां।अब तुम बात कर लो।"नरेश कमरे से बाहर आ गया।हिना,मरियम को हाथ पकड़कर ले गयी।

"जनाब तुझ पर फिदा हो गए है।"

"सुधीर।नरेश के दोस्त जो अभी आये थे।तुमसे निकाह करना चाहते हैं,"हिना बोली,"तू भारत मे रहना चाहती है, न

मरियम को  कुछ समझ मे नही आया।नरेश बोला,"मैं सुधीर को शाम को फिर बुला लेता हूँ।द  दोनों एक दूसरे को देख लो।बात कर लो फिर फैसला करना

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