पिछले चैप्टर में हमने यह पढ़ा की दुर्गा तीन लड़कों को बहुत बुरी तरह से पीटती है। क्योंकि वह तीन लड़के एक बेचारी मासूम लड़की को छेड़ते हैं। तभी खुशी जी दुर्गा को गुस्से से पुकारती है ।खुशी जी की आवाज सुनकर दुर्गा एकदम डर के मारे पीछे मूर्ति है तो देखती है कि खुशी जी बहुत ही ज्यादा गुस्से में है।
कार्तिक खुशी जी के गुस्से में और घी डालता है जिसकी वजह से दुर्गा कार्तिक पर चीड़ जाती है।
तब तक खुशी जी घर के अंदर जा चुकी थी दुर्गा मासूम सी शक्ल बनाकर सभी घर वालों को देखते हैं और खुशी जी की दर से बचने की गुजारिश करती है पर कोई भी नहीं बचाता है
वनराज के जाने के बाद दुर्गा सब की तरफ अपनी मासूमियत भरी शक्ल दिखाती है तो सब उसकी शक्ल को इग्नोर कर कर अंदर की तरफ चले जाते हैं जैसे कह रहे हो आप बैल मुझे मार वाले काम तुमने किए हैं तो जवाब तुम ही संभालो।
दुर्गा मन ही मान सब को कोसते हुए अंदर चली जाती है
अब आगे
सभी के अंदर जाते ही कार्तिक उसे लड़के के पास जाता है जिसने दुर्गा के पैर पकड़े हैं, जाकर उसे पहले 24 चमाटे मारता है, फिर उसके हाथों को अपने पैरों से रगड़ता है ,जैसे कोई मैट्रेस पर अपने पैर रगड़ता हो।
शिवाय ,कार्तिक को पीछे खींच लेता है और उसे शांत करने की कोशिश करता है।
वनराज गार्डों से बोलकर उन तीनों लड़कों की अच्छे से मरम्मत कर कर पुलिस स्टेशन भेजने के लिए बोल देता है।
उसके बाद वह सब भी घर के अंदर जाते हैं ।
घर के अंदर का नजारा यूं था कि दुर्गा खुशी जी को मना रही थी पर खुशी जी गुस्से में अपना हाथ बांधकर दुर्गा के दूसरी और मुंह कर कर बैठी थी।
दुर्गा और खुशी जी की यह प्यारी सी नोंक-झोंक देखकर सभी के चेहरे पर प्यारी सी मुस्कान आ जाती है।
तभी आरोही बोली अच्छा ठीक है दादी आप दुर्गा को बाद में दांत लीजिएगा।
पहले हम हमारा अधूरा ब्रेकफास्ट पूरा करते हैं इतना बोलकर वह सब को डाइनिंग टेबल के पास लेकर जाती है।
अब तक दुर्गा की नजर दोनों बच्चों पर नहीं गई थी।
दुर्गा रुचिता से बोली भाभी कौरव कहां है नहीं दिखाई दे रहा है जो वह कहां गया है वैसे भी आज संडे है तो स्कूल होगा ही नहीं उसका, फिर दिखाई क्यों नहीं दे रहा है।
तभी कौरव पीछे से बोला बूआ जब आप आप नीचे देखोगी तो पता चलेगा कि कौरव कहीं नहीं गया है वह तो आप ही कौरव पर ध्यान नहीं दे रही है।
दुर्गा कौरव की आवाज सुनकर नीचे देखती है तो कारक अपना मुंह फुला कर उसे देख रहा है।
तभी दुर्गा की नजर नीचे की तरफ जाती है तो देखती है कि कौरव के साथ दो और छोटे से प्यार से बच्चे हैं जिन्होंने कार्टून वाले कपड़े पहन के रखा है।
उन दोनों बच्चों को देखकर दुर्गा जल्दी से अपने घुटनों के बाल बैठती है और तीनों बच्चों को एक साथ गले लगाते हुए बोले तुम तीनों को ना, तुम्हारी बुआ ने बहुत-बहुत मिस किया है।
आप तीनों को पता है मैंने आप तीनों के लिए आपका फेवरेट गिफ्ट ले आई हूं।इतना बोलकर वह हाल में चली जाती है। जहां कुछ गिफ्ट्स बॉक्स रखे हुए थे।
दुर्गा तीन गिफ्ट बॉक्स उठाती है और तीनों बच्चों को देती है।
बच्चे भी बड़े खुश होकर वह गिफ्ट बॉक्स लेते हैं।
संन्नवि और कौरव दोनों दुर्गा से पूछते कि दुर्गा ने उन्हें गिफ्ट में क्या दिया है।
दुर्गा उन दोनों से कहती है कि बॉक्स खोलो तो पता चलेगा ना, जल्दी-जल्दी से बॉक्स खोलो।
दुर्गा की बात मानकर दोनों बच्चे एक्साइटेड होकर गिफ्ट रैपर ,गिफ्ट बॉक्स से निकालते हैं।
सन्नवि देखती है कि उसे एक आर्मी टैंक मिला है वह खुशी से उछलते हुए दुर्गा के पैर से लिपटे हुए बोली थैंक यू थैंक यू सो मच हुआ आपको कैसे पता चला कि मुझे यह चाहिए।
दुर्गा सन्नवी की गाल को छूते हुए बोली बिकॉज़ आई एम योर बूआ ना।
कौरव भी अपना गिफ्ट बॉक्स खोलता है तो देखा है कि उसे गिफ्ट में नई 3D गेम सेट मिला है।
कौरव भी खुश होकर दुर्गा के पैरों से लिपटे हुए बोला थैंक यू सो मच बूआ आपकी गिफ्ट के लिए मैंने कितनी बार पापा से रिक्वेस्ट किया था इस सेट का पर उन्होंने मना कर दिया था बट आपने मुझे यह गिफ्ट दिया लव यू बूआ।
दुर्गा उन दोनों बच्चों के चेहरे पर खुशी देखकर वह भी बहुत ज्यादा खुश हो जाती है। लेकिन वह देखतीं है कि आर्य ने गिफ्ट बॉक्स खोलने के लिए कोई भी इंटरेस्ट नहीं दिखाया है ,तो वह आर्य से पूछती है कि क्या उसे गिफ्ट पसंद नहीं आया है।
आर्य अपने कोल्ड एक्सप्रेशंस के साथ बोला कि जब मैं गिफ्ट खोलूंगा तो ही पता चलेगा कि मुझे गिफ्ट पसंद आया है या नहीं।
दुर्गा अपने कमर पर हाथ रखते हुए बोली औय शिवाय के जेरोक्स कॉपी जल्दी से गिफ्ट खोलो और बताओ कि तुम्हें गिफ्ट कैसा लगा।
आर्य गिफ्ट खोलता है तो देखता है, कि उसमें एक म्यूजिक प्लेयर था।
म्यूजिक प्लेयर को देखकर आर्य ना के बराबर मुस्कुरा देता है और दुर्गा से बोलता है मुझे लगा था कि डी की तरह ही आपका दिमाग होगा। बट ऐ वास रॉन्ग आप ,तो इंटेलीजेंट निकली। वह इतना बोलकर चुप हो जाता है और शिवाय की तरफ बढ़ जाता है।
दुर्गा बस आर्य को वहां से जाते देख रही थी क्योंकि उसे समझ नहीं आया कि अभी आर्य ने उसकी तारीफ की है या बुराई।
पर बाकी घर वाले तो इस बात से शौक थे, कि दुर्गा आर्य और संन्नवि के बारे में कैसे जानती है, उसे कैसे पता चला था कि शिवाय यहां है उन्हें समझ ही नहीं आ रहा था कि अभी हाल में क्या हुआ है।
जया जी दुर्गा से बोली दुर्गा तुझे कैसे पता चला कि शिवाय यहां आया है क्योंकि जहां तक हम सब जानते हैं कि हमने तुम्हें बताया नहीं की शिवाय आया है और ऊपर से तुम्हें आर्य और सन्नवि के बारे में पता है।
जया जी की बात सुनकर दुर्गा अपने आंखें मीच लेती है। और अपने आप से धीरे से बोली दुर्गा तूने क्या कर दिया अब कैसे संभालेगी बातों को
इतना बोलकर वह अपने एक्सप्रेशंस को वापस से नॉर्मल करती है और कार्तिक की तरफ इशारा करते हुए बोली बीजी यह है ना रिपोर्टर जिस के पेट में एक बात भी नहीं पचता है।
यहां जो जो होता था वह कॉल कर कर मुझे और बुआ जी को बताता था।
तो इसीलिए मैं जानती हूं कि (शिवाय की तरफ आंखें कर कर बोलती है )
यह लाल बंदर इंडिया आया है और साथ में दो प्यार से मेहमान को भी लाया है।
तभी आरोही और पालकी दोनों थाली चम्मच से पिटते हुए बोली लगता है आज हम लोगों को बातों से ही पेट भरना है।
कब से देख रही हूं कि बातें ही कर जा रहे हो भूख लगी है जल्दी से आओ वरना हम दोनों खाना खा रहे हैं आप लोग अपने बातों से ही पेट भरना इतना बोलकर वह दोनों खाना शुरू कर देते हैं।
जिसकी वजह से दुर्गा मन में बोली शुक्र है आरोही और पालकी ने बात को पलट दिया वरना मैं कैसे संभालती, सबके सवालों का जवाब देती। अगर उन्हें पता चला कि मैं तो यह बात आपसे नहीं पिछले 5 साल से जान रही हूं यहां तक की मैं भी शिवाय के साथ ही मिली थी। इतना बोलकर वह मन ही मन भगवान को शुक्रिया बोलती है।
सन्नवि शिवाय का हाथ पकड़ते हुए बोली डैड मेरा भी पेट अभी भरा नहीं है मुझे और खाना है ।
शिवाय सन्नवि को लेकर डाइनिंग टेबल के चेयर पर बैठ जाता है।
बाकी सभी खाने के लिए चेयर पर बैठ जाते हैं।
संन्नवि और आर्य शिवाय से बोले की अब वह ब्रेकफास्ट खुद ही करेंगे।
शिवाय उनकी बात मानकर उनके अलग प्लेट्स लगा देता है। जिन में एक पराठा और बीटरूट का रायता है।
सभी खाना खा रहे थे, कि शशांक बोला यार शिवाय तेरे दोनों बच्चे मेरी रू के खाने का तरीका कॉपी कर रहे हैं। detto date आरोही की तरह खा रहे हैं।
तो सभी देखते हैं कि संन्नवि आर्य और आरोही तीनों एक जैसे ही खाना खा रहे थे पहले वह तीनों मुंह में चम्मच से रायता खाते फिर पराठे को तोड़कर खाते हैं।
इस वक्त तीनों के चेहरे पर एक जैसे ही स्माइल है।
शिवाय को समझ ही नहीं आ रहा था कि वह क्या बोले तभी उनके कानों में कौरव की आवाज आती है।
आज संडे है तो हम लोग कहीं घूमने चलें वैसे भी मुझे अपनी लिटिल ब्रदर अपनी लिटिल सिस्टर को अपने फ्रेंड से मिलवाना है वह सबको बताना है मेरे पास भी दो-दो सिबलिंग्स है
दुर्गा बोली तुम बोल तो सही रहे कौरव।
एक काम करते हैं आज हम लोग पार्क चलते हैं।
आरोही और पालकी भी एक साथ बोले हम दोनों भी तुम लोगों के साथ पार्क आएंगे।
सन्नवि खुश होते हुए बोली यस मैं भी आऊंगी।
आर्य बोलता है आई एम नॉट इंटरेस्टेड मुझे डडा के साथ रहना है आप सब लोग जाओ ।
तरुण बोलता है अच्छा तुम सब लोग जाओ, मुझे जल्दी से स्टूडियो जाना है वहां कुछ काम है इतना बोलकर वहां वहां से चला जाता है।
शशांक भी अपना हाथ पहुंचते हुए बोला मुझे डैड और को अर्जेंट मीटिंग के लिए ऑफिस जाना है इतना बोलकर वह और राम जी ,सिद्धार्थ जी वहां से चले जाते हैं।
वनराज बोलता है मैं शिवाय को लेकर ऑफिस जा रहा हूं आखिर वह भी देखें इतने सालों में ऑफिस में ,क्या-क्या चेंज आए हैं कितना ग्रोथ किया है बिजनेस।
रमन जी बोले तुमने सही कहा है उसे लेकर जाओ।
शिवाय भी हां में सर हिला देता है।
इशिता जी बोलती है सब लोग कहीं ना कहीं जा रहे हो तो हम लेडिस भी शादी के शॉपिंग के लिस्ट और तैयारी के बारे में बात करेंगे।
सभी लोग अपना अपना संडे का प्लान बना रहे थे।
अब आगे क्या होगा कहानी में जाने के लिए पड़ी है
गैस रिव्यू दे देना। पर कमेंट भी करना प्लीज।