Ishq aur Ashq - 20 in Hindi Love Stories by Aradhana books and stories PDF | इश्क और अश्क - 20

Featured Books
Categories
Share

इश्क और अश्क - 20



उसने एवी को मार-मार कर जमीन पर गिरा दिया। उसकी आंखों में गुस्सा भरा था, मानो वो अपनी हर बात, अपने हर गुस्से का हिसाब कर रहा हो।

अगस्त्य (गुस्से में): बोल... कौन है तू?
(और ये कहकर उसने एक और घूंसा उसके मुंह पर मारा...)

एवी (मुंह से खून टपकता हुआ): क्या बोल रहे हो तुम...?

अगस्त्य (एक और मुक्का मारते हुए): मेरे भाई को क्यों इन्वॉल्व किया... और मेरी रा...
(तभी रात्रि चिल्लाती है)

रात्रि: अगस्त्य...!

अगस्त्य फौरन रुक गया। रात्रि ने पहली बार उसका नाम इतने हक से लिया था। अगस्त्य का जैसे हौसला बढ़ गया। उसने पलटकर उसे देखा और बोला:

अगस्त्य: रात्रि...!

इतने में रात्रि अगस्त्य के पास आई। अगस्त्य चाहता था कि रात्रि उसका हाथ थामे, उठाए और गले लगाए।
पर हुआ इसका उल्टा—वो अगस्त्य के पास आई और उसे एवी से दूर किया, और एवी का हाथ थाम कर उसे खड़ा कर दिया।

रात्रि (डरी हुई): तुम ठीक तो हो...? बहुत दर्द हो रहा है???

इतना शोर सुनकर मेघा बाहर लॉन में आई और ये सब देख कर डर गई।
एवी ने सिर्फ एक फोन किया और कुछ देर में पुलिस आ गई।

रात्रि (अगस्त्य पर गुस्से में): तुम ऐसा कैसे कर सकते हो? तुम क्या कहीं के गुंडे हो???

अगस्त्य: तुम्हें पता भी नहीं है उसने क्या किया है? पर अब तुम्हें बताना मैं ज़रूरी भी नहीं समझता।
So, you can go.

रात्रि: जवाब तो तुमसे ये पुलिस लेगी।

अगस्त्य (मुस्कुराते हुए): तुम्हें क्या लगता है ये लोग मुझसे कितनी देर पूछताछ कर सकते हैं...? बीस मिनट? या तीस मिनट...?
नहीं...
(वो रात्रि के पास आता है और उसके हाथ को पकड़कर बोलता है)
तुम्हारी घड़ी से गिनकर दस मिनट में... मैं बाहर होऊंगा।

रात्रि: इतना घमंड...!

अगस्त्य (पुलिसवालों से): चलो भी... और भी काम है मुझे कि तुम्हारी ही शक्ल देखता रहूं!

इतने में उसने अपना फोन निकाला और कॉल की:

अगस्त्य: मेरे लॉयर को भेजो।

अगस्त्य पुलिस स्टेशन पहुंचा, वहां अर्जुन पहले से मौजूद था। वो अगस्त्य से बहुत disappointed था।
उसने धीरे से अगस्त्य को साइड में ले जाकर कहा:

अर्जुन: भाई, ये सब क्या है? अपने एवी पर हाथ उठाया...? अगर उसके चेहरे को कुछ हो गया तो...?

अगस्त्य: तुम्हें इसमें पड़ने की ज़रूरत नहीं है।
(और वो आगे बढ़ गया)

अर्जुन: ये मेरा भाई नहीं है... ये आप नहीं हो, भाई।

अगस्त्य: इंस्पेक्टर... मैं जा रहा हूं। मेरे लॉयर से बात कर लीजिए।
(इतना बोलकर वो ऐटिट्यूड के साथ अपने चश्मे पहनते हुए निकल गया)

बाहर पहुंचते ही सारे मीडिया वाले उसे घेर लेते हैं:

मीडिया: सर सर सर... जवाब दीजिए... आपने अपनी मूवी के हीरो की पिटाई की... इसका क्या मतलब है, सर?

अगस्त्य निकल गया, लेकिन मीडिया वाले कार तक उसका पीछा करते रहे:

मीडिया: सर... हमने सुना है ये सब मिस मित्तल के घर पर हुआ... क्या ये सब मिस रात्रि मित्तल की वजह से हुआ है?

रिपोर्टर ने अगस्त्य की दुखती नस पर हाथ रख दिया।

अगस्त्य (किलसकर): अगस्त्य मान का लेवल बहुत ऊपर है... वो कभी अपने co-workers को डेट नहीं करता, पर हां... मैं बाकी लोगों की गारंटी नहीं लेता।

अब ये फिल्म पूरी तरह से सुर्खियों में आ गई थी...


---

एवी घर पहुंचा और बहुत गुस्से में था। उसे काफी चोट लगी थी:

एवी: वो क्या चाहता है...? उसे मुझसे इतनी प्रॉब्लम क्यों है?

एवी का फोन बजा:

एवी: हेलो, हां अर्जुन?

अर्जुन: Are you fine? I'm so sorry.

एवी: तुम क्यों सॉरी बोल रहे हो, it's fine. I'm ok.

अर्जुन: शूटिंग postpone करूं क्या?

एवी: तुम्हारे भाई ने अच्छा-खासा चेहरा खराब कर दिया है, so it will take time, bro.


---

दूसरी तरफ अगस्त्य भी अपने घर पहुंचा और सोचने लगा:

अगस्त्य (सोचते हुए): आखिर ये एवी है कौन...? और उसे रात्रि से क्या चाहिए...?
मैं रात्रि को इसके लिए नहीं छोड़ सकता, जब तक मुझे पता न चल जाए कि ये उसके लिए ठीक भी है या नहीं।

अगस्त्य (फोन पर): हेलो... किसी का पीछा करना है।
(और फोन काट दिया)

अब अगस्त्य ने एवी के पीछे जासूस लगवा दिया। वो अब पूरे जोश में है, जानने के लिए...


---

रात्रि के घर पर

रात्रि परेशान होकर घर में इधर-उधर घूम रही है।

रात्रि (खुद से): पता नहीं वो ठीक होगा या नहीं? क्या करूं...? फोन करूं क्या???

मेघा ने उसे रोका और पूछा:

मेघा: तू मुझे कुछ बताएगी या नहीं? मुझे तेरे पापा और भाई को भी जवाब देना है।

रात्रि: मां, आप भाई और पापा को कुछ मत बताना...

मेघा: मैं तो नहीं बताऊंगी पर...
(उसने टीवी ऑन किया, और हर न्यूज़ चैनल में इस फाइट की बातें चल रही थीं)

रात्रि (डर गई): Oh God!

मेघा: शांत हो जा...

रात्रि (परेशान होकर): मां... मेरी reputation... मेरा नाम, मेरा करियर!

मेघा: बेटा, अभी तू हॉस्पिटल से आई है। ज़्यादा स्ट्रेस तेरे लिए ठीक नहीं है।

रात्रि गुस्से में घर से निकल गई। अपनी कार की चाबी ली और तेज़ी से कार ड्राइव करके निकल पड़ी।

मेघा (परेशान होकर): ये लड़की मेरी जान लेकर ही छोड़ेगी।


---

रात्रि एक जगह पहुंची और कार रोकी। कार से उतरी—ये अगस्त्य का घर था।

गेट से एंट्री की। अंदर घुसते ही उसे अर्जुन मिला।

अर्जुन: मिस मित्तल... आप यहां?

रात्रि: तुम्हारा भाई कहां है?

अर्जुन: वो तो ऊपर हैं, पर आप...

उसने पूरी बात सुनी भी नहीं और ऊपर पहुंच गई।

अगस्त्य अपने कपड़े चेंज कर रहा था, वो अभी पूरी तरह शर्टलेस था। रात्रि बिना नॉक किए अंदर घुस गई।

दोनों ने एक-दूसरे को देखा, दोनों डर गए।

अगस्त्य: कौन...?

रात्रि (चिल्लाते हुए): Oh my God...!

अगस्त्य (दूसरी शर्ट से खुद को कवर करते हुए): तुम सच में पागल हो क्या...? नॉक करने की भी एक रस्म होती है, जो इंडिया में सदियों से चली आ रही है।

रात्रि (गुस्से में): हां तो... डोर लॉक करने की भी एक रस्म होती है, ये भी इंडिया में बहुत सदियों से चली आ रही है।

अब अगस्त्य थोड़े अलग मूड में आ गया और बोला:

अगस्त्य: वैसे ये मेरा रूम है, तो मैं क्यों अपनी इज्ज़त बचाऊं...
(ये कहकर उसने वो शर्ट भी हटा दी)

शर्टलेस अगस्त्य—उसके सिक्स पैक्स बिलकुल साफ दिख रहे हैं और उसकी मस्कुलर बॉडी किसी को भी अपना दीवाना बना दे।
कुछ सेकंड के लिए रात्रि की भी नज़र उस पर किसी सुई की तरह अटक गई।

अब वो इसके पास धीरे-धीरे आने लगा।
रात्रि उसमें ऐसा खोई कि उसने उसे रोका भी नहीं।


---