कहानी शीर्षक: 💖 "अनकही ख्वाहिशें"
लेखिका: InkImagination
प्रस्तावना:
यह कहानी एक 19 साल की अनाथ लड़की रिया और 32 साल के अकेले बिजनेसमैन युग मल्होत्रा के बीच पनपते प्यार की गहरी और भावनात्मक यात्रा है। बारिश की एक रात से शुरू हुआ यह रिश्ता, नफरत से नहीं, बल्कि एक अनकही चाहत और आत्मिक जुड़ाव से आगे बढ़ता है। यह कहानी रोमांस, दर्द, और आत्मिक शांति का अनोखा मेल है, जो हर पाठक के दिल को छू जाएगी।
अध्याय 1: बारिश की रात और मुलाकातबारिश की रात थी, जब आसमान से ठंडी बूंदें जमीन पर गिर रही थीं, और हवाएं खिड़कियों को हल्के से थपथपा रही थीं। सड़कों पर सन्नाटा छाया हुआ था, मानो पूरी दुनिया सो गई हो। रिया, 19 साल की, भीगी हुई साड़ी में अकेली सड़क किनारे खड़ी थी। उसकी लंबी काली चोटी गीली होकर उसके कंधों पर लटक रही थी, और उसकी बड़ी-बड़ी आँखों में एक अनजाना डर और दर्द था। वह अनाथ थी—एक ऐसी लड़की जिसे ज़िंदगी ने कभी खुलकर मुस्कुराने का मौका नहीं दिया। आज उस orphanage से उसे निकाल दिया गया था, क्योंकि अब वह “बड़ी” हो चुकी थी। बिना छत, बिना किसी उम्मीद के, वह बस सड़क पर खड़ी थी, आँसुओं को बारिश में छुपाते हुए।तभी एक काली लग्ज़री गाड़ी की रोशनी ने उसे चौंका दिया। गाड़ी उसके पास रुकी, और उससे एक आदमी बाहर निकला। लंबा कद, काले सूट में, चेहरा शांत लेकिन आँखों में एक अनकही गहराई लिए—वह था युग मल्होत्रा। 32 साल का, करोड़ों की कंपनियों का मालिक, लेकिन उस रात वह भी अकेला था, जैसे उसकी आत्मा भी इस बारिश में भीग रही हो। उसने बिना कुछ कहे अपनी जैकेट उतारी और रिया के कंधों पर डाल दी।“कहाँ जाना है?” उसकी गहरी आवाज़ ने रिया को हिला दिया। उसने एक पल को उसकी आँखों में देखा—उनमें न कोई क्रूरता थी, न ही दया, बस एक सच्चाई। पहली बार उसे डर नहीं लगा।“कहीं नहीं…” उसने धीरे से कहा, उसकी आवाज़ में थकान और लाचारी थी।
अध्याय 2: अनजान रास्तों परयुग ने उसे गाड़ी में बिठाया और कहा, “तब चलो मेरे साथ…” रिया को समझ नहीं आया कि क्यों, लेकिन उसके पैर उस अनजान शख्स की ओर बढ़ गए, जैसे उसकी आत्मा ने खुद यह फैसला कर लिया हो। युग का घर कोई साधारण जगह नहीं थी—यह एक भव्य महल था, जिसमें सोने के फ्रेम वाली तस्वीरें, चमकते चांदनी, और हर कोने में शाही नक्काशी थी। लेकिन वहाँ शोर नहीं था—बस एक गहरा सन्नाटा था, जो युग की अकेली जिंदगी की गवाही देता था।रिया को एक कमरे में ले जाया गया, जहाँ उसने गर्म कपड़े और खाना पाया। युग ने दूर खड़ा होकर कहा, “तुम्हारा कोई नहीं?”“नहीं…” रिया ने सिर झुकाते हुए कहा, उसकी आवाज़ में दर्द था।युग ने एक गहरी साँस ली और बोला, “मेरा भी कोई नहीं। अब से… एक-दूसरे के हो सकते हैं?” उसकी बात में कोई रोमांस नहीं था, बल्कि एक टूटी हुई आत्मा की पुकार थी। रिया हक्की-बक्की रह गई, लेकिन उसकी आँखों में एक चमक आई, जैसे उसने किसी को अपने करीब पाया हो।
अध्याय 3: सन्नाटे में पनपती चाहतदिन बीतने लगे, और रिया युग के बंगले में रहने लगी। युग ने उसे हर सुख दिया—नए कपड़े, स्वादिष्ट खाना, और पढ़ाई के लिए किताबें—लेकिन कभी भी उस पर कोई हक़ जताया नहीं। वह सुबह जल्दी उठता, अपने काम पर जाता, और शाम को लौटता। हर सुबह डाइनिंग टेबल पर रिया को देखकर वह चुपचाप मुस्कराता, जैसे उसकी मौजूदगी ही उसकी जिंदगी में एक नई रोशनी ला रही हो।एक दिन, रिया ने हिम्मत करके पूछा, “आप इतने अकेले क्यों हैं?” उसकी आवाज़ में उत्सुकता और कोमलता थी।युग ने एक पल को रुककर कहा, “क्योंकि मैंने प्यार पर भरोसा करना बहुत पहले छोड़ दिया था… मेरे माता-पिता की मौत ने मुझे अकेला कर दिया, और फिर मैंने किसी को अपने करीब नहीं आने दिया।”रिया की आँखें नम हो गईं। उसने पूछा, “और अब?”युग ने उसकी ओर देखा, उसकी आँखों में एक नई चमक थी। “अब… शायद फिर से सीख रहा हूँ। तुम्हारे साथ।” उसकी बात ने रिया के दिल को छुआ, और वह पहली बार मुस्कुराई—एक ऐसी मुस्कान जो युग के चेहरे पर भी शांति ला गई।
अध्याय 4: करीब आते कदमकुछ हफ्तों बाद, रिया और युग के बीच एक अनकही समझ बनने लगी। वह रातों को बंगले के बगीचे में बैठती, और युग उसके पास आकर चुपचाप खड़ा रहता। एक रात, चांदनी में डूबे बगीचे में रिया ने कहा, “आपके पास सब कुछ है, फिर भी आप उदास क्यों रहते हैं?”युग ने उसकी ओर देखा और बोला, “क्योंकि मेरे पास वो नहीं, जो सचमुच मायने रखता है—कोई जो मेरे साथ हँसे, रोए, और मेरी खामोशी को समझे।” उसकी आवाज़ में दर्द था, जो रिया को अंदर तक हिला गया।उस रात से रिया ने फैसला किया कि वह युग की जिंदगी में एक बदलाव लाएगी। वह सुबह उसकी चाय बनाती, शाम को उसके साथ बगीचे में टहलती, और धीरे-धीरे उनकी खामोशी बातों में बदलने लगी।
अध्याय 5: प्यार की पहली चिंगारीएक दिन, रिया को तेज़ बुखार हो गया। उसका बदन काँप रहा था, और वह बिस्तर पर पड़ी कराह रही थी। युग ने अपने सारे काम रद्द कर दिए और रातभर उसके पास बैठा रहा। उसने उसके माथे को ठंडे कपड़े से पोछा, दवा दी, और उसकी हथेली को अपने हाथों में थामे रखा। रिया की नींद खुली, और उसने देखा—युग की आँखों में चिंता और कोमलता थी।वह फुसफुसाई, “क्या मैं आपकी जिंदगी का हिस्सा बन सकती हूँ…? हमेशा के लिए?” उसकी आँखों में आँसू थे, और उसकी आवाज़ में एक गहरी चाहत।युग ने उसे गौर से देखा। उसने धीरे से उसका माथे पर होंठ रखे—एक कोमल, पवित्र चुंबन, जो रिया के दिल को छू गया। वह बोला, “तुम मेरी अधूरी ख्वाहिश हो, रिया… अब जो पूरी होने वाली है। मैंने कभी सोचा नहीं था कि कोई मेरी जिंदगी में ऐसा आएगा, लेकिन तुमने मुझे जीना सिखाया।”रिया की आँखें नम थीं। उसने युग का हाथ कसकर पकड़ा और कहा, “मैं भी आपको चाहती हूँ… आपकी खामोशी, आपकी मुस्कान, सब कुछ।”
अध्याय 6: रोमांस की रातकुछ दिन बाद, एक रात बंगले में एक खास माहौल था। रिया ने अपने लिए एक लाल साड़ी पहनी, जिसमें वह किसी परी जैसी लग रही थी। उसने बगीचे में मोमबत्तियाँ जलाईं, और हल्की बारिश की बूंदें हवा में खुशबू घोल रही थीं। युग घर लौटा और रिया को देखकर रुक गया। उसकी साँसें थम-सी गईं।“तुम… इतनी खूबसूरत क्यों लग रही हो आज?” उसने धीरे से पूछा, उसकी आवाज़ में प्यार था।रिया शर्माते हुए उसके पास आई और बोली, “क्योंकि आज मैं आपको कुछ देना चाहती हूँ…” उसने एक किताब की पहली कॉपी उसे दी—टाइटल था “अनकही ख्वाहिशें”—जिसे उसने लिखा था।युग ने किताब खोली, और dedication page पर लिखा था:
“उस इंसान के नाम…
जिसने मुझे सिर्फ घर नहीं,
खुद की अहमियत भी दी।
— रिया”
युग की आँखें नम हो गईं। उसने रिया को अपनी बाँहों में भर लिया। उसकी बाँहें गर्म और सुरक्षित थीं, और रिया का दिल प्यार से भर गया। उसने उसके कान के पास फुसफुसाया, “तुम मेरी जिंदगी हो, रिया… मैं तुम्हें कभी नहीं छोड़ूँगा।”रिया ने उसकी छाती से सिर उठाया और उसकी आँखों में देखा। उसने धीरे से उसके गालों को छुआ, और युग ने उसका चेहरा अपने हाथों में लिया। उनके होंठ एक-दूसरे के करीब आए, और एक कोमल, भावनात्मक चुंबन ने उनकी अनकही ख्वाहिशों को पूरा कर दिया। बारिश की बूंदें उनकी खामोशी को गवाह बनीं, और बगीचे में प्यार की मधुर सुगंध फैल गई।
🌟 अंतिम दृश्य और संदेशसुबह की पहली किरणें बंगले में आईं। रिया और युग एक-दूसरे के पास बैठे थे, हाथों में हाथ डाले। रिया ने कहा, “आपने मुझे नया जीवन दिया, युग… और मैं आपको नया प्यार।”युग ने उसका माथा चूमा और बोला, “हमारी कहानी अधूरी नहीं है, रिया… यह बस शुरू हुई है।”
✨ पाठकों के लिए
संदेशप्रिय पाठकों, यह कहानी मेरे दिल की गहराइयों से लिखी गई है। अगर आपको रिया और युग का प्यार पसंद आया, तो कृपया मुझे फॉलो करें और अपने विचार कमेंट में साझा करें। आपकी हर प्रतिक्रिया मुझे प्रेरित करती है कि और बेहतर लिखूँ। साथ ही, मेरी अन्य कहानियाँ भी पढ़ें और मुझे सपोर्ट करें—आपके प्यार से मेरी कलम और तेज़ होगी❤️
InkImagination
समाप्त।
Thankyou🥰🥰...