🔥 Part 19: त्रैत्य पुनर्जन्म – समय की दरार
अर्णव का चेहरा एकदम शांत था… पर उसकी आँखों में तूफ़ान उमड़ रहा था।
“साधु… आपने कहा त्रैत्य मेरा पुत्र बनेगा?
पर मेरा तो कोई पुत्र नहीं है…”
साधु (गंभीर स्वर में):
“यही तो समय का सबसे बड़ा रहस्य है…
त्रैत्य सिर्फ एक आत्मा नहीं है…
वो समय में यात्रा कर सकता है,
और वो पहले ही अपने पुनर्जन्म की योजना बना चुका है।”
🕳️ समय की दरार
साधु ने अर्णव को अपने पीछे बुलाया,
जहाँ गुफा की एक दीवार के पीछे
“काल-शिला” नामक एक प्राचीन पत्थर था।
साधु: “यह वही पत्थर है जहां से समय को मोड़ा जा सकता है।
त्रैत्य ने अपने प्राचीन जीवन में इस पत्थर पर एक मंत्र छोड़ा था,
जिससे वह किसी भी योद्धा की आत्मा में प्रवेश कर सकता है —
भविष्य में भी।”
अर्णव अवाक था।
“मतलब वो आने वाले समय में भी… जन्म ले सकता है?”
साधु (धीरे से): “हाँ…
और उसने किसी को चुना है —
जो तुझसे जुड़ा है… पर तुझसे अनजान है।”
😱 चौंका देने वाला रहस्य
तभी, एक तेज रोशनी हुई —
और भविष्य का एक दृश्य सामने आया।
एक वीर योद्धा —
जो ठीक अर्णव की तरह दिखता था,
लेकिन उसकी पीठ पर त्रैत्य का चिह्न उभर रहा था।
अर्णव: “ये कौन है…?
ये तो… मुझ जैसा…”
साधु: “ये… तेरा पुत्र नहीं, तेरा अंश है।
जिस दिन तू मोह द्वार से गुजरा था,
त्रैत्य की बची हुई आत्मा तेरे अंदर से निकलकर भविष्य की गर्भवती आत्मा में प्रवेश कर गई थी।”
🧬 त्रैत्य पुनर्जन्म: परछाईं का उदय
“वो बच्चा जो पैदा होगा — वो नायक भी हो सकता है, और त्रैत्य भी।
सब कुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि
**क्या अर्णव उसे समय रहते पहचान पाएगा,
या… वो ही उसका सबसे बड़ा शत्रु बन जाएगा।”
साधु ने चेताया:
“समय की दरार खुल चुकी है।
त्रैत्य अब धीरे-धीरे तपस्वियों को मार रहा है
ताकि उनका ज्ञान और मंत्र चुरा सके।
उसका उद्देश्य है —
'सम्पूर्ण शक्ति' प्राप्त करना और ब्रह्मांड को फिर अंधकार में ढकेलना।”
💔 दिल तोड़ देने वाला निर्णय
अर्णव के सामने अब सबसे कठिन चुनाव था:
क्या वो उस जन्म लेने वाले बालक को खोजे और उसे मार दे,
अगर उसमें त्रैत्य की आत्मा हो?
या उसे अपने मार्ग पर चलाकर एक नया नायक बनाए?
“अगर मैंने बच्चे को मारा —
और वो त्रैत्य न निकला…
तो मैं एक निर्दोष की हत्या करूँगा।”
“और अगर नहीं मारा —
तो पूरा संसार संकट में पड़ सकता है…”
⚔️ अंधकार की आहट
तभी आकाश में बिजली चमकी।
और एक साया…
त्रैत्य का पुनर्जन्मित चेतन-रूप
अर्णव के सामने प्रकट हुआ।
उसका चेहरा अधूरा था,
पर उसकी आँखें जल रही थीं।
त्रैत्य (धीमे स्वर में):
“मैं लौट आया हूं…
और इस बार मैं तुझे नहीं मारूंगा —
मैं तुझसे अपना जन्म लूंगा।”
अर्णव चौंक गया।
“नहीं… मैं तुझे फिर से इस संसार में जन्म नहीं लेने दूंगा!”
त्रैत्य (हँसते हुए): “तू क्या करेगा?
तेरे अपने ही… अब मेरी ओर बढ़ रहे हैं।”
🔥 क्लाइमेक्स – विश्वासघात
गुफा के बाहर कुछ लोग चीख रहे थे।
अर्णव दौड़कर बाहर गया —
और देखा…
वो लड़का जो हाल ही में उसके साथ आया था,
जिसे उसने एक अनाथ समझकर शरण दी थी…
उसकी आंखों में त्रैत्य की छाया थी।
“वो… वही बच्चा है…?”
साधु: “हाँ… त्रैत्य का पुनर्जन्म अब सामने खड़ा है।”
🎬 Part 19 समाप्त
💥 अगले भाग में:
अर्णव करेगा अब एक ऐसा निर्णय जिससे उसका भविष्य बदल जाएगा
त्रैत्य पुनर्जन्मित रूप में दुनिया पर राज करने के लिए तैयार है
और एक रहस्य और खुलेगा — त्रैत्य को जन्म देने वाली आत्मा कौन थी?