Age Doesn't Matter in Love - 15 in Hindi Drama by Rubina Bagawan books and stories PDF | Age Doesn't Matter in Love - 15

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Age Doesn't Matter in Love - 15


"राघव जी..." झलक मासूमियत से बोली। राघव मुस्करा दिया।

झलक ने वेज पुलाव बनाया और टेबल पर रख दिया।
"आईए खाना खा लीजिए।"

राघव और झलक दोनों खाने लगे।
झलक सिर झुकाए खा रही थी।
राघव बोला, "तुम यहाँ रह सकती हो।"

झलक बोली, "हम आपको और परेशान नहीं करना चाहते।"


राघव सख्ती से बोला, "तुम्हारे पास और कोई जगह नहीं है। मैं कोई एहसान नहीं कर रहा। बदले में बस घर का काम, खाना बनाना और ध्यान रखना होगा।"
झलक बोली, "ओके।"

"हम कहाँ सो सकते हैं?"
"कमरे में सो सकती हो। मुझे काम करना है।"

अगली सुबह

अभिमान सुबह 6 बजे उठ गया और रेस्टोरेंट निकल गया।
मन में सोच रहा था, "आज बेबी गर्ल को प्यार करने का मन है..."


अभिमान वहाँ आन्या पहले से खड़ी थी।
"तुम आ गई?"
"धमकी दी थी तो आना ही पड़ा।"

अभिमान ने उसका बैग रखा और उसका हाथ पकड़ लिया, "चलो बैठो।"
"कोई देख लेगा तो?"
"तो क्या?"
आन्या डरते हुए बैठ गई।

अभिमान ने हेलमेट पहनाया, "अब ठीक है जान।"

वो दोनों शहर के बाहर पहाड़ियों पर पहुँच गए।
आन्या बोली, "वाव... कितना खूबसूरत है!"


अभिमान ने उसे पीछे से हग किया, "आई लव यू बेबी गर्ल।"
आन्या ने बाहें डाल दीं।

"हम शादी के बाद यहाँ आएंगे ना?"
"हम्म... बच्चे भी होंगे, और कहो तो यही घर बना लें?"
"बदमाश!"
"शर्म आ रही है मेरी जान को?"
"चुप हो जाओ... बेशर्म!"

"मैंने तो कुछ कहा है, अगर कुछ किया होता तो?"
"चुप हो जाइए!"


अभिमान ने आन्या को अपने और करीब करते हुए उसके चेहरे को चूमना शुरू कर दिया। आन्या की धड़कन तेज़ हो गई थी।


अभिमान ने बेहद प्यार से उसकी बंद आंखों को चूमा और शरारत से बोला, "आई लव यू जाना..." इतना कहकर उसने उसे अपनी बाहों में भर लिया।

आन्या उसका सीना महसूस कर रही थी। वो उसके और भी करीब हो गई। अभिमान ने कहा, "तुम मुझे मिले बगैर कैसे जा सकती हो?"
आन्या उसकी आँखों में देखते हुए धीमे से मुस्कराई और बोली, "आगे से ध्यान रखूँगी।"

वो दोनों उस पल में पूरी तरह खो गए थे। अभिमान उसके बालों को सहला रहा था।

आन्या ने मुँह बनाते हुए कहा, "मुझे भूख लगी है।"


अभिमान मुस्कराते हुए बोला, "चॉकलेट दूँ?"
आन्या खुशी से बोली, "हहा!" और वो उसे चॉकलेट दे देता है।

दोनों नीचे बैठ गए। आन्या उसकी छाती से पीठ लगाकर सामने की ओर देख रही थी। उसके हाथ में चॉकलेट थी और वो बस उसे निहार रही थी।

अभिमान बोला, "खा लो, भूख लगी है ना?"
आन्या धीरे से बोली, "मन नहीं कर रहा। पता है आपको, आज मैंने इतनी बड़ी चॉकलेट पहली बार देखी है। पापा जी कभी हमें ऐसी चीजें नहीं देते। उनके लिए हमेशा लड़का-लड़की मायने करता है..." इतना कहकर वो खामोश हो गई।

अभिमान उसकी बातें सुनकर धीरे से बोला, "मैं हूँ ना बच्चा।"

आन्या ने पीछे मुड़कर उसके गले में बाहें डाल दीं और बोली, "मान मेरी उम्र भले छोटी है, पर मैं आपसे बहुत प्यार करती हूँ। ये कोई टाइमपास नहीं है मान।"
अभिमान ने उसे सीने से लगाते हुए कहा, "यहाँ देखो मेरी तरफ।"

आन्या उसकी आँखों में खो गई। अभिमान ने उसके माथे पर चूमते हुए कहा,
"इतना मत सोचो अनु और मेरे बारे में। हम दोनों को इतनी जल्दी मेच्योर बनने की जरूरत नहीं है। बच्चे बन सकते हैं।"
आन्या ने उसके गाल को किस कर लिया।

फिर अभिमान बोला, "अब मुझे एक बहुत टाइट हग दो।"
आन्या मासूमियत से बोली, "हम तो आपकी बाहों में ही बैठे हैं जब से आप यहाँ आए हैं।"

अभिमान ने उसके गालों को चूमते हुए बोला, "हम्म..."
आन्या मुस्कराई, "मान..."
अभिमान ने उसे फिर से बाहों में भर लिया और कहा, "तूम्हे जाने देने का मन नहीं करता हमेशा अपने सिने से लगा कर रखना चाहता हूं।