ऐसे ही दिन बीत रहे थे।।।
अभिमान आन्या से बोहोत प्यार करने लगा था।।।आन्या ने बारवी की ईक्जाम दि पर उसके पिता ने उसे आगे पढ़ने की अनुमति नही दी।।।
।अभिमान रात को आन्या से बात कर पाता था।।।।राघव को ने भी अपना कार्स पूरा कर अब ओ अभिमान के रेस्टोरेंट का मैनेजर बन गया था।।।।झलक भी अपना पास्ट सब कूछ भूला कर राघव के साथ एक ही घर मै रहती थी।।।।
दो साल बाद
रात का समय।।।
अभिमान आन्या से बात कर रहा था। उसका लैपटॉप उसके सामने था ओ बस एक टक आन्या को देखे जा रहा था उसने करीब दो महिने बाद उसका चेहरा देख रहा था।। आन्या ने अभि भी दूप्पटा लिया हूआ था उसके चेहरे पर स्माईल थी ओ बोहोत खूबसूरत लग रही थी ओ अब उन्नीस की हो गई थी।।
।।। आन्या अभिमान के चेहरे को देखकर मासूमियत से नमः आंखों से बोली,,,,मान आप कूछ बोल क्यूं नहीं रहै है कूछ तो बोलिए।।
। अभिमान ए सूनकर आन्या को देखकर बैचैन से बोला,,,, मूझे तूम चाहीए अभी के अभी दो महिने से से तूमसे ठीक से बात नही की हैं देखा तक नही है मैंने तूम्हे, मूझसे और बर्दाश्त नहीं हो रहा अनू तडप रहा हू तूम्हारे बगैर , मूझे अभी तूम्हे बाहो मै लैना है अनू।।।
।।।।
आन्या अभिमान की तडप भरी आवाज महसूस कर उसका दिल जोर से धड़कने लगा ओ रोते हुए लड़खड़ा ती आवाज में बोली,,,अभिमान एसा मत करीए ना,आज घर पर कोई नही है इसलिए आप को विडियो कौल कीया है आपसे बातें करने को ,मान समझने की कौशिश किजिए।।
अभिमान आन्या के रोते हुए चेहरे को देखकर तड़पते हुए बोला,, मूझे तूम चाहिए अनू। आन्या रोते हुए बोली,,मान एसा मत कहिए।
। अभिमान आन्या से बोला,,,,,मै आ रहा हूं ,करीब एक घंटे मै घर के पिछे मिलो।।। ईतना बोलकर उसने कौल कट कर दिया
।।उधर आन्या का डर से बूरा हाल था ओ कांप रही थी पर उसै पता था अभिमान जो बोल ता है ओ करता ही रहता है ओ भी तो उसकै गले लगने के लिये तडप रही थी।।।
उसने अपने आप को देखा फिर अपने लिए गूलाबी कलर का सूट निकाल कर पहना। बालों की चोटी बनाई।।। और जल्दी से अभिमान को मैसेज कर घर की लाईट और खिडकिया बंद कर घर के पिछे एक पेड के निचे खडी हो गई।।
।।उसकै चेहरे पर स्माईल थी।। अभिमान ने कार रोकी।। आन्या जल्दी से बैठ गई।।
। अभिमान ने बीना उसे देखै कार यू-टर्न ली करीब आधे घंटे बाद कार एक शांत भरी जगह पर आकर रूकी।।।।
अभिमान बाहर आकर खडा हो गया उसके चेहरे पर कोई भी भाव नभी था ओ बस एक टक सामने की और देख रहा था।।।। आन्या उसके पास जाकर खडी होकर धीरे से हिम्मत कर बोली,,,, अभिमान हम ब्रे।।।
ईतना ही कहां था की अभिमान ने आन्या की गर्दन मै हाथ डालकर उसकै होंठों को अपने होठो से जोड लिया।।
आन्या की आंखें बंद हो गई उसके साथ उसकै आंखों मै ठहरे आंसू भी बह गए।अभिमान आंखें बंद कर आन्या को अपनी बाहों में भर उसे चूमे जा रहा था उसे बाईट कर रहा था।। आन्या भी उसका साथ दे रही थी उसके हाथ अभिमान के बालों को गले को सहला रहे थे।
।। अभिमान के हाथ आन्या की कमर पर थे।।।।करीब पंद्रह मिनट बाद अभिमान आन्या से अलग हूआ।।।आन्या जोर जोर से सांस लै रही थी।
। अभिमान ने आन्या को अपने सिने से लगा कर उसके बालों को सहलाते हुए लंबी सांसें भरते हुए सख्त आवाज में बोला,,,आज के बाद कर दिया अनू फीर कभी ए शब्द तूम्हारे मूंह सूना तो मूझसे बूरा कोई नभी होगा।।।