उठो मीरा तुम यहां सौफे पर क्यूं सो रही हो और यहा कब आई ??
मीरा घबराते हुए उठती है, आरव मैंने उसे देखा??
किसे देखा तुमने?? आरव ने पुछा
वो...वो झू..ले पर ...
मीरा बहुत डरी हुई थी, और डर के कारण उसकी आवाज नहीं निकल रही थी...
क्या हुआ मीरा... आरव ने पास आकर कहा " अरे ये क्या तुम्हें तो बहुत तेज बुखार है..
मीरा का शरीर बुखार से तप रहा था... आरव जल्द ही डाॅक्टर को बुलाता है,,
क्या हुआ है, डाॅक्टर मीरा ठीक है न??
हां मैंने इंजेक्शन दे दिया है, शाम तक बुखार ठीक हो जाएगा... आप मेडिसिन टाइम टू टाइम लिजिएगा....
आरव : क्या हुआ था मीरा तुम यहां क्यूं सोई थी???
मीरा : नहीं आरव मै ऊपर तुम्हारे साथ ही थी,, फिर मेरी नींद खुली करीब साढ़े तीन बजे और मुझे आवाज आ रही थी,और फिर मैंने बाहर वो छोटी लड़की को देखा... वो डाॅल मांग रही थी, उसके बाद मुझे कुछ याद नहीं मै यहां कैसे आई... मुझे नहीं पता आरव..
आरव : कैसी बातें कर रही हो मीरा कौन लड़की, कैसे आवाज मुझे तो कुछ सुनाई नहीं दिया...
मीरा : तुम मेरा यकीन करो यहां कुछ तो गडबड है, आरव प्लीज़ तभी ये घर इतने सालों से बंद था...
आरव : मीरा तुम्हारा दिमाग खराब हो गया है, कितनी मेहनत से मैंने ये घर खरीदा है, और तुम लोगों की बातों में आकर कुछ भी कह रही हो,,
( उसने चिढकर कहा)
देखो मीरा ऐसा कुछ भी नहीं है, तुम्हें बस वो कल आंटी की बातें याद रही... और इसी वजह से तुम्हें वहम हुआ होगा...
मीरा : और मै यहां कैसे आई आरव इसका क्या जवाब है???
आरव : हो सकता है , नींद में आ ग ई हो...
मीरा : तुम्हें क्या लगता है, मुझे नींद में चलने की बिमारी है?? तुम कहना क्या चाहते हो??
आरव : मुझे नहीं पता, पर अगर ऐसा कुछ है भी तो मुझे कोई प्रोब्लम नहीं है मीरा मै तुमसे बहुत प्यार करता हूं, हम अच्छे डॉक्टर को दिखाएंगे... नींद में चलना कोई बड़ी बीमारी नहीं है,,
मीरा :मुझे पता था, तुम मेरी बातों पर यकीन नहीं करोगे... मै नींद में नहीं चलती आरव मुझे नहीं पता तुम समझ क्यूं नहीं रहें...
आरव : ओके अपन इस बारे में बाद में बात करेंगे, तुम रेस्ट करो मै तुम्हारे पास ही हूं....
मीरा को कमरे में सुला कर आरव नीचे आता है,, झूले पर पड़ी डॉल को वो गुस्से से उठाता है... ये डाॅल यहां क्या कर रही है... ये सब इसी की वज़ह से हो रहा है, आरव डाॅल को गेट के बाहर फेंक देता है...
शाम को मीरा कमरे से बाहर निकल कर रही नीचे आती है..
आरव : अब कैसा लग रहा है तुम्हें???
मीरा :मै ठीक हूं, आरव तुम आज कहीं नहीं गये??
आरव : फिर तुम्हारा ख्याल कौन रखता,,
मीरा : कोई आया था???
आरव : नहीं कोई नहीं...न वो तुम्हारी छोटी लड़की और न ही कोई और...
मीरा :साॅरी आरव तुम्हें आज मेरी वजह से बहुत परेशानी हुई...
आरव : साॅरी किस बात का तुम मेरी वाइफ हो मीरा तुम्हारा ख्याल रखना मेरा फ़र्ज़ है.... चलो अब तुम कुछ खा लो तुम्हें मेडिसिन लेना है...
सब कुछ नार्मल था, मीरा नार्मल हो चुकी थी... फिर अचानक रात के साढ़े तीन बजे मीरा की आंख खुलती हैं,, इस बार आरव उसके पास नहीं था...
आरव ... क्या तुम बाथरूम में हों???
कोई जवाब न आने पर मीरा बेड से उठकर कमरे के बाहर आती है...आरव ...आरव कहा हों तुम???
मीरा नीचे ड्राईंगरूम में जाती है,, इतनी रात को आरव कहा गया???
मीरा ड्राईंगरूम मे लगे बड़ी सी घडी के सामने जाकर खड़ी हो जाती है....समय अब तेजी से पीछे जा रहा था... घडी के काटे उल्टे चल रहे थे...
मीरा जैसे पत्थर बन चुकी थी... उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था...
घर का फर्नीचर पर्दे सब कुछ चेंज हो चुके थे....
अब घडी स्टाॅप हो चुकी थी... पर समय मीरा को पीछे ला चुका था.... और समय उस टाइम लाइन में शुरू हो चुका था...
सुनिए... सुनिए न एक औरत अपने पति को पीछे से आवाज़ लगा रही थी...
क्या है अनुराधा तुम्हें कितनी बार कहा है, कि पीछे से मत टोका करों....(वो आदमी दिखने में बिल्कुल आरव की तरह था... बस मुछे बडी बडी थी....)
ये आप टिफिन भुल गए थे, इसलिए आवाज लगाई.... (डरी सहमी वो औरत अपनी सफाई दे रही थी)
ठीक है ठीक है जाओ अभी अंदर.....
( मीरा पास्ट में आ चुकी थी, जहां आरव की तरह दिखने वाला आदमी रह रहा था, पर मीरा अनुराधा का चेहरा लंबे घुघंट की वजह से देख नहीं पा रही थी)
तभी मीरा फिर से वही आवाज सुनती है, झूला झूलने की एक छोटी बच्ची के हंसने की...
अनुराधा बाहर आती है, कौन हो तुम??? यहां कैसे आई?? क्या नाम है तुम्हारा??? ये सारे सवाल पूछती है...
(मीरा पीछे खड़े होकर सब देख रही थी...)
मेरी बेला खो गई है, उस बच्ची ने कहा
बेला तुम्हारी बहन है??? ( उस औरत ने पुछा)
नहीं बेला मेरी डाॅल है...
अच्छा तो वो तुम्हारी गुडिया है... क्या हुआ तुम मेरे पीछे क्या देख रही हो??? ( उस औरत ने पूछा)
(बच्ची मीरा को देंख रही थी)
कोई है वहां??? ( वो औरत पीछे पलटकर देखती है)
मीरा छिप जाती है...
To be continue.....