मीरा को कमरे की तलाशी के वक्त काफी सारे हैरान करने वाले राज मिले, एक लेटर जिसमें साफ लिखा था, कि वासू भी अनुराधा को छोड़कर हमेशा के लिए उसकी जिंदगी से जा चुका था,
अब आगे....
एक लेटर जिसमें अनुराधा ने ये लिखा था, कि उसने नहीं मारा पर किसके बारे में लिखा था,
ये सारे राज आज रात पता चलने वाले थे, पर अब मीरा सिर्फ इंतजार कर रही थी, रात का
तभी मीरा का फ़ोन रिंग करता है,
डॉक्टर: मीरा आपकी रिपोर्ट्स आ चुकी हैं, और रिपोर्ट पाॅजिटिव है, कांग्रेचुलेशन मीरा, आप प्रेगनेंट हैं.....
मीरा ये सुन कर बिल्कुल शाॅक्ड थी, उसे समझ नहीं आ रहा था, की वो कैसे रिएक्ट करे,
जिस वक्त वो पास्ट में ग ई थीं, और उसे अनुराधा की प्रेगनेंट होने की खबर मिली थी, तभी मीरा समझ चुकी थी, कि जब सारी बातें अनुराधा और मेरे बीच सेम है तो ये भी सेम ही होगी,
और आज उसका शक यकीन में बदल चुका था,
मीरा न तो ख़ुश थीं, और न हीं दुखी, वो बस कन्फ्यूज थी,
तभी वो फ़ोन उठाकर जल्दी से एक नंबर पर फ़ोन लगाती है,
हैलो रमेश जी मुझे आपसे इसी वक्त मिलना है, कुछ बहुत जरूरी काम है, क्या आप आ सकते हैं???
ठीक है, मैं ही आती हुं....
मीरा अब रमेश से मिलने जाने के लिए निकल चुकी थी, पंद्रह मिनट बाद वो बताये हुए एड्रेस पर पहुंची....
रमेश : क्या हुआ मैडम जी, आपने मुझे यहां क्यों बुलाया??
मीरा : रमेश जी, मुझे आपसे बहुत कुछ जानना है, क्या आप मेरी मदद कर सकते हैं??
रमेश : जी हां मैडम जी आपको क्या मदद चाहिए,
मीरा : हमारे यहां आने से पहले और कौन रहता था???
रमेश : मैडमजी मुझे इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है, पर यहां आपसे पहले कोई नहीं रहता था, ये घर सालो से बंद था, ( उसने ये बात नजरें चुराकर कहीं)
मीरा : झूठ कह रहे हैं, आप मीरा ने गुस्से में कहा....
रमेश : मैडमजी मै पिछले दो सालों से ही घर की देखभाल करता था, पर हां मुझसे पहले यहां राजू नाम का आदमी था, उसे शायद अच्छे से मालूम होगा...
मीरा: कौन राजू ?? कहां रहता है वो???
रमेश : आप चाहें तो मै आपको उसका एड्रेस दे सकता हूं... वो यही पास मे रहता है....
मीरा : ठीक है, आप मुझे उसका एड्रेस दीजिये....
मीरा अब रमेश के बताए हुए एड्रेस पर पहुंच चुकी थी...
मीरा :सुनिए ये एड्रेस यही का है न?? ( मीरा ने एक आदमी से पूछा)
जी, यही का है, वो आपको छोटा सा घर दिख रहा है न वहीं है ( उस आदमी ने कहा)
मीरा घर पर जाकर दरवाजा बजाती है,
कोई है???
दरवाजा खुला था, मीरा ने झांक कर देखा पर उसे कोई नहीं दिखा, बस किसी के खांसने की आवाज आई...
मीरा ने एक और बार आवाज लगाई...
कोई है???
एक आदमी निकल कर बाहर आया...
जी कहिए... उसने कहा,
मीरा: मुझे राजू से मिलना है...
मै ही राजू हुं कहिए...
मीरा : मुझे house no 105 के बारे में जानना है, मीरा ने कहा...
अंदर आइये..."उसने कहा"
राजू ने मीरा को बैठने को कहा...
क्या जानना चाहती है, आप ??? उसने पूछा
मीरा: आप वहां काम करते थे??
राजू : जी करता था,
मीरा : कबसे??
राजू : बचपन से दरसल मेरी मां वहां काम करती थी, मै करीब 5 साल का था,मै मेरी मां के साथ वहां जाता था...
मीरा :आपकी मां??? क्या आप अनुराधा और अनुराग को जानते है??
राजू : जी, हां मेरी मां उन्ही के लिए काम करतीं थीं... मुझे ठीक तरह याद नहीं है... पर मेरी मां ने काफी समय तक उनके लिए काम किया...
मीरा : आपकी मां कहा है??
राजू : जी, अंदर ही है, काफी बिमार है....
मीरा: क्या मै उनसे मिल सकती हूं??
राजू : जी मिल तो सकती है, पर मां आपके सवालो के जवाब ठीक तरह नहीं दे पाएंगी, उम्र के चलते वो और बिमारी की वजह से उन्हें ठीक तरह कुछ याद नहीं रहता...
मीरा :प्लीज़ अंकल जी, मेरा उनसे मिलना बहुत जरूरी है....
राजू : ठीक है चलिए... मां ये तुमसे मिलने आई है, इन्हें बड़े घर के बारे में जानना है, अनुराधा के बारे में जानना है.... ( राजू ने जोर जोर से कहा)
वो मां को कम सुनाई देता है....न इसलिए उनसे थोड़ा जोर से बात करनी पड़ती है...
पलंग पर लेटी एक बुढ़ी औरत जो बस मीरा को देखे जा रही थी... पर कुछ कह नहीं रही थी,
बहुत देर कोशिश करने के बाद भी, राजू की मां ने कुछ नहीं कहा,
माफ करिएगा बेटा, मां को शायद कुछ याद नहीं है, ( राजू ने कहा)
क्या आप जानते हैं, अनुराधा के बारे में??? ( मीरा ने पुछा)
नहीं मै उस वक्त बहुत छोटा था, मुझे तो शक्ल भी याद नहीं है, पर मैंने भी वहां काम किया है, काफी सालों तक....
कौन रहता था वहां?? ( मीरा ने पुछा)
अनुरूध बाबू और उनकी पत्नी रूपा रहते थे, फिर वो बिमार रहने लगी... हमेशा बस एक ही बात कहती थी, कोई है यहां, कोई है.... उसके बाद अनुरूध बाबू उन्हें वहां से ले गये....
ये लोग कौन थे??? ( मीरा ने पुछा)
मैंने सुना था कि ये अनुराग बाबू का छोटा भाई था...
उसके बाद भी क ई लोग आये पर कुछ दिन रहते और फिर चले जाते सब कहते हैं, कि वहां कोई बच्ची की आत्मा है, जो अनुराधा के साथ रहती है... ( राजू ने कहा)
मैंने सुना है कि अनुराधा ने किसी को मार डाला था??? क्या अनुराधा पागल थी??( मीरा ने कहा)
नहीं वो पागल नहीं थी, उसके साथ तो बहुत बुरा हुआ था, वो पागल नहीं थी....( उस बूढ़ी औरत ने कहा)
क्या आप जानती है, क्या हुआ था?? प्लीज़ मां जी आप मुझे बतायेगी??? ( मीरा ने कहा)
उस औरत ने मीरा का चेहरा पहली बार गौर से देखा,
तुम तो अनुराधा मैम साब हो???
नहीं मां जी मै बस अनुराधा की तरह दिखती हूं, मै मीरा हूं... पर मेरे साथ उस घर में बहुत अजीब चीज़े हो रही है.... क्या आप मेरी मदद करेगी, मुझे अनुराधा के बारे में बताएगी...
तुम्हारा अनुराधा की तरह दिखना सिर्फ संयोग नहीं हो सकता.... (उस औरत ने कहा)
उसने धीरे धीरे अपनी बात बताना शुरू किया.....
मै वहां अनुराधा के आने से पहले काम करती थी, अनुराग साब बहुत गुस्सेल व्यक्ति थे, फिर उन्होंने अनुराधा से शादी कर ली, वो घर अनुराग साब ने बनवाया था, पर उनका छोटा भाई , उस घर में अपना हक मांग रहा था, पर एक दिन अनुराग साब ने उसे निकाल दिया....
अनुराधा और मेरी उम्र लगभग बराबर ही थी... वो मुझे अपनी नौकरानी कम और सहेली ज्यादा समझती थी, पर वो शादी से खुश नहीं थी, हम सुख दुख की सारी बातें करते थे, पर मै थी तो नौकरानी ही, मुझे वो अपनी कुछ बातें छिपाया भी करती थी, पर मुझे पता चल गया था कि अनुराधा किसी और से प्यार करती है, पर मैंने उससे कभी नहीं पूछा, अनुराग साब उसे बहुत डराते थे, उस पर अपना सारा गुस्सा निकालाते...
वो मां बनने वाली थी, पर कुछ ऐसा हुआ कि सब कुछ बदल गया...
मै रोज की तरह काम करने वहां ग ई... दरवाजा खुला हुआ था.... मुझे उपर से सिसकने की आवाज आ रही थी... धीरे धीरे उपर वाले कमरे पर पहुंची और मैंने देखा कि...........
To be continue........