College Love Story in Hindi Love Stories by Bikash parajuli books and stories PDF | कॉलेज लव स्टोरी

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कॉलेज लव स्टोरी

अध्याय 1: पहली मुलाक़ात

दिल्ली यूनिवर्सिटी का पहला दिन।
नए स्टूडेंट्स, नई क्लासें और हर चेहरे पर उत्साह।
आरव, एक सीधा-सादा लड़का, अपनी किताबें लेकर क्लास में बैठा था।
उसी वक्त दरवाज़ा खुला और अंदर आई रिया – लंबी, खुले बालों वाली, मुस्कुराती हुई लड़की।

आरव की नज़र पहली बार उसी पर पड़ी और वह ठहर गया।
उसने मन ही मन कहा –
“शायद यही मेरी कहानी की शुरुआत है।”

अध्याय 2: दोस्ती की शुरुआत

रिया पढ़ाई में बहुत तेज़ थी, और आरव थोड़ा शांत स्वभाव का।
क्लास प्रोजेक्ट में दोनों को एक ही टीम में रखा गया।
धीरे-धीरे बातें शुरू हुईं –
किताबों से लेकर फिल्मों तक, पसंद-नापसंद से लेकर सपनों तक।

कुछ ही हफ़्तों में उनकी दोस्ती गहरी हो गई।
दोनों लाइब्रेरी में साथ बैठते, कैंटीन में कॉफ़ी पीते और कॉलेज फेस्ट में भी साथ घूमते।

अध्याय 3: दिल की बात

आरव को एहसास हुआ कि वह रिया से प्यार करने लगा है।
लेकिन उसे डर था –
“अगर मैंने कहा और उसने मना कर दिया, तो दोस्ती भी चली जाएगी।”

काफी सोचने के बाद एक शाम उसने हिम्मत जुटाई।
कॉलेज गार्डन में बोला –
“रिया, मुझे नहीं पता तू क्या सोचती है… पर मैं तुझसे प्यार करने लगा हूँ।”

रिया चुप रही। उसकी आँखों में हैरानी थी।
फिर धीरे से मुस्कुराकर बोली –
“आरव, मुझे भी यही कहना था।”

अध्याय 4: प्यार के रंग

उस दिन से उनकी दुनिया बदल गई।

लाइब्रेरी अब पढ़ाई से ज़्यादा चोरी-छुपे मुस्कुराने की जगह बन गई।

कॉलेज फेस्ट में दोनों साथ डांस करते।

देर रात तक फोन पर बातें होतीं – सपनों की, करियर की, और एक-दूसरे के बारे में।


यह उनके जीवन का सबसे खूबसूरत समय था।

अध्याय 5: दूरियाँ

लेकिन हर कहानी में एक मोड़ आता है।
रिया का सपना था कि वह विदेश में एमबीए करे।
आरव चाहता था कि वह दिल्ली में रहकर अपना बिज़नेस शुरू करे।

रिया को स्कॉलरशिप मिली और उसे लंदन जाना पड़ा।
एयरपोर्ट पर दोनों की आँखों में आँसू थे।
रिया बोली –
“आरव, दूरी अगर सच्चा प्यार है तो हमें अलग नहीं कर पाएगी।”

अध्याय 6: इम्तिहान

लंबी दूरी ने दोनों को परखा।

टाइम ज़ोन अलग होने से बातें कम होने लगीं।

रिया की नई दोस्तियाँ हुईं।

आरव अपने काम में उलझ गया।


कभी-कभी झगड़े भी होने लगे।
आरव को लगता था कि रिया बदल रही है, और रिया को लगता था कि आरव उसे समझ नहीं पा रहा।

अध्याय 7: ब्रेकअप

एक रात फोन पर बहुत बड़ा झगड़ा हुआ।
रिया ने कहा –
“शायद अब ये रिश्ता हमें थका रहा है।”
आरव चुप हो गया।
और इस तरह उनका रिश्ता टूट गया।

दोनों की ज़िंदगियाँ अलग रास्तों पर चली गईं।

अध्याय 8: सालों बाद

पाँच साल बाद, दिल्ली में एक बुक फेयर लगा था।
आरव, अब एक सफल बिज़नेस मैन बन चुका था।
वहीं उसे अचानक रिया दिखी – किताबों के बीच, वही मुस्कान लिए।

दोनों की नज़रें मिलीं।
रिया बोली –
“आरव… इतने साल बाद भी तू वैसा ही है।”
आरव हँस पड़ा –
“और तू भी।”

अध्याय 9: अधूरी या पूरी?

काफी देर तक बातें हुईं – पुराने दिनों की, झगड़ों की, और उस मासूम प्यार की।
रिया अब इंडिया में वापस आ गई थी।
उसने कहा –
“शायद हम गलत वक़्त पर मिले थे। पर अगर तुझे लगता है कि हमारे बीच अब भी कुछ है…”

आरव ने उसका हाथ पकड़कर कहा –
“रिया, मेरा दिल कभी तुझसे अलग नहीं हुआ।”

उपसंहार

उस दिन दोनों ने फैसला किया कि नया सफ़र शुरू करेंगे – बिना किसी डर के, बिना किसी दूरी के।
उनकी कॉलेज लव स्टोरी, जो अधूरी लग रही थी, अब हमेशा के लिए पूरी हो गई।

यह कहानी हमें सिखाती है –

असली प्यार दूरी और वक़्त दोनों झेल लेता है।

झगड़े और गलतफ़हमियाँ आती हैं, लेकिन सच्चे दिल से चाहने वाले फिर भी एक हो जाते हैं।