तानिया - हां,बिल्कुल बोलो ईशान, क्या मदद चाहिए तुम्हे हमसे?
ईशान - एक्चुअली मुझे पता है, कि सिमरन दीदी ने बहुत दर्द सहा है, और वो शायद मुझसे इतना सब कुछ शेयर न कर पाए। इसलिए मैं आपसे एक प्रोमिस चाहता हुं। मैने देखा है कि आप मेरी दीदी के साथ बहुत अच्छे से रहते हो, तो आप उनके क्लोज जाइए ताकि वो अपने दिल की बातें आपसे शेयर कर सके और अपना दर्द कम कर सके!
तानिया - देखो ईशान, तुम कुछ ज्यादा ही सोच रहे हो। अब सिमरन ठीक है, और वो कोशिश कर रही है, लाइफ में move on करने का! तुम चिंता मत करो, हम हमेशा सिमरन की बेस्ट फ्रेंड बनकर रहेंगे।
ईशान - हमे पता है कि आपको थोड़ा weird लगा होगा, लेकिन मुझे सिमरन दीदी की अब भी चिंता हो रही है। इसलिए मैंने आपसे कह दिया है। मुझे पता है कि आप मेरी दीदी का अच्छे से ध्यान रखेंगे, और उन्हे हिम्मत भी देंगे।
तानिया - बिल्कुल! वैसे अब हम एक बात कहे?
ईशान - हां, बिल्कुल बोलिए!
तानिया - हमे नही पता था कि तुम इतने समझदार भी हो, और इतनी बड़ी बातें भी करते हो, कहकर तानिया हंसने लगती है।
ईशान मन ही मन सोचता है कि कितनी ब्यूटीफुल स्माइल है, यार इनकी! मन करता है कि देखता ही जाऊ बस! तभी तानिया नोटिस करती है कि ईशान फिर खो गया है कही। तो वो कहती है कि;
तानिया - सॉरी, अगर तुम्हे बुरा लगा हो तो! हम तो सिर्फ फ्रैंक होने की कोशिश कर रहे थे। आखिर भाई हो तुम सिमरन के। हमने मजाक में कहा था, सच्ची!
तानिया को लगा कि वो शायद ज्यादा ही बोल गई, इसलिए वो तुरंत ही माफी भी मांग लेती है। तभी ईशान बोलता है कि;
ईशान - अरे नही, मुझे बिल्कुल बुरा नही लगा। एक्चुअली अच्छा लगा कि आपने मुझे यहां आकर कंपनी दी, वरना मैं अकेला boar हो रहा था। चलिए अब नीचे चलते है, दीदी इंतजार कर रही होगी मेरा!
तानिया - हां, तुम चलो, हम आते है।
फिर तानिया अपने रूम की तरफ बढ़ जाती है, और ईशान उसे पीछे से जाते हुए देखता जाता है। वो चाहकर भी अपनी नजरे तानिया से हटा नही पा रहा था। फिर जब तानिया आंखों से ओझल हो जाती है तो ईशान खुद से ही बातें करता है - क्या ईशान, इतना घबरा क्यों जाता है तू उनके सामने! कॉलेज में तो तू कभी किसी लड़की के सामने नही घबराया। आज अचानक से क्या हो गया है तुझे? संभल जा, पागल! और यह कहते हुए खुद के सर के पीछे धीरे से मारता है।
इधर साहिल और सिमरन बैठकर बातें कर रहे होते है, तभी सिमरन बोलती है कि;
सिमरन - यह ईशान कहां रह गया? बहुत ज्यादा देर नही हो गई इसे! उसे घर भी तो जाना है, नही तो सभी को वहां पर शक हो जायेगा ईशान पर!
साहिल - तुम भी ना सिमरन, इतना ज्यादा क्यों सोचती हो? घूम रहा होगा आराम से! मैं देखकर आता हुं उसे!
फिर साहिल ईशान को आवाज लगाते हुए ऊपर जा रहा होता है। और वो देखता है कि ईशान छत के रास्ते पर खड़ा हुआ है, और अकेले ही बडबडा रहा है। यह देखकर पहले तो उसे थोड़ी हंसी आती है, लेकिन फिर साहिल अपनी हंसी कंट्रोल करके, ईशान के पास जाता है। और ईशान के पास जाकर बोलता है कि;
साहिल - ईशान, क्या हुआ? तुम अकेले किस से बातें कर रहे हो?
साहिल की आवाज से ईशान फिर से रियलिटी में आता है और खुद को मन ही मन कोसता है कि ईशान, तू अपना फर्स्ट इंप्रेशन ही जीजू के सामने खराब करके रहेगा!
ईशान - कुछ नही जीजू, बस ऐसे ही!
साहिल - अच्छा, वैसे तुम्हारी दीदी तुम्हारे लिए परेशान हो रही थी। इसलिए मैं तुम्हे बुलाने आया हुं। वरना वो खुद आ जाती!
ईशान - दीदी भी ना, अभी तक बच्चा ही समझा है मुझे! घर के अंदर ही हुं, फिर भी इतनी टेंशन!
साहिल - एक्चुअली सिमरन कह रही थी कि तुम्हे घर जाने में ज्यादा देर हुई, तो उन्हे कही शक न हो जाए इसलिए शायद उसे जल्दी है।
ईशान - हां सही कहा यह तो दीदी ने! वैसे जीजू अच्छा हुआ कि आप मुझे अकेले मिल गए, मुझे आपसे कुछ बात करनी है। आपको पता है कि सिमरन दीदी का बर्थडे आ रहा है, और मैं इस बार उसे बहुत स्पेशल और यादगार बनाना चाहता हुं, उनके लिए! तो इसमें मुझे आपकी हेल्प चाहिए।
साहिल - अरे वाह, सिमरन का बर्थडे आ रहा है, लेकिन उसने तो मुझे बताया ही नही! कोई बात नही, लेकिन अपन उसका बर्थडे बहुत अच्छे से मनाएंगे!
ईशान - हां जीजू, लेकिन इस बार मैं उनका यह दिन बहुत यादगार बनाना चाहता हूं, जिसमे मुझे आपकी हेल्प भी चाहिए होगी।
साहिल - बिल्कुल,मैं तुम्हारी मदद करूंगा। वैसे क्या प्लान है तुम्हारा?
ईशान - वो मैं आपको बाद में फुल प्लानिंग करके बताता हुं। लेकिन जीजू, आपको बुरा तो नही लगा ना, कि मैं ऐसे आप दोनो के बीच में आकर, सिमरन दीदी को surprise दे रहा हुं।
साहिल बोलने लगता है, उससे पहले ही पीछे से तानिया की आवाज आती है;
तानिया - अरे,हमारा भाई बहुत समझदार है। उसे कोई प्रॉब्लम नही होगी,even अच्छा लगेगा कि तुम अपनी बहन की खुशी के लिए इतना कर रहे हो। वैसे तुमने हमे क्यों नही बताया कि हमारी सिमरन का बर्थडे आने वाला है।
ईशान - साहिल जीजू के बाद, मैं आपको भी बता देता। ईशान ने थोड़ा झेपते हुए कहा।
तानिया - हम तो बहुत एक्साइटेड है, सिमरन के बर्थडे के लिए!मजा आयेगा, पार्टी होगी!
ईशान - नही, दीदी को ऐसी पार्टी नही पसंद है, और हम इस दिन को अपना मोमेंट बनाना चाहते है, तो सिंपल सा ही होगा,कोई भीड़ नही आयेगी।
साहिल - हां, ईशान सही कह रहा है। वैसे भी अभी हमे सिमरन को इतना ज्यादा भी लाइमलाइट में नही लाना है कि उस पर मुसीबत आ जाए!
तानिया - अरे, बुद्धू हो तुम दोनो के दोनो! क्या बिना लोगो को बुलाए, पार्टी नही होती है! हम तो अपन चारो की पार्टी की बात कर रहे थे। देखना तुम, हम ऐसे तैयारी करेंगे कि सिमरन खुश हो जायेगी! ईशान, तुम्हे डेकोरेशन में जो भी हेल्प चाहिए हो, तुम हमसे लेना, ठीक है। हम तुम्हारी मदद करेंगे उसमे!
साहिल - हां बिल्कुल, तानिया दीदी एक्सपर्ट है इन सब में!
तभी उन्हे सिमरन के चलने की आवाज आती है, वो सीढियों से ऊपर आ रही होती है। यह सुनते ही तानिया, सिमरन को वही पर रुकने चली जाती है। और साहिल और ईशान को भी नीचे आने का कहकर चली जाती है। सिमरन ऊपर ईशान को ढूंढने आ रही होती है, कि तभी सामने उसे तानिया मिल जाती है। तो वो बोलती है कि ;
सिमरन - दीदी, आपने ईशान को कही देखा है क्या?
तानिया - हां,अभी हमने देखा कि वो और साहिल नीचे की तरफ ही आ रहे थे। चलो वो आ जायेंगे, तब तक अपन बैठते है साथ में!और वो सिमरन का हाथ पकड़कर अपने साथ नीचे ले आती है।
इधर साहिल और ईशान भी उनके पीछे नीचे आ जाते है। ईशान के नीचे आते ही सिमरन बोलती है कि;
सिमरन - ईशान, इतनी देर कहां लगा दी थी? तुम्हे पता है ना कि तुम्हे घर भी जाना है। अगर तुम और लेट गए, तो उन्हे तुम पर शक हो जायेगा और तुम इससे मुसीबत में फंस सकते हो।
साहिल - अरे हां, वो चला जायेगा अभी! अब तुम इतनी चिंता करना बंद करो। मैं हुं ना, सब संभाल लूंगा!
ईशान - दीदी की तो शुरू से आदत है, ऐसे रिएक्ट करना छोटी छोटी बातों पर, और वो हंसता है।
सिमरन - हां, बस बस! अब जाओ, और जब भी मन करे मुझसे मिलने का, तो यहां आ सकते हो तुम! फिर सिमरन उसके गले लग जाती है।
तानिया - इन सब चक्करों में, नंबर एक्सचेंज करना तो रह ही गया। ईशान, तुम सिमरन के नंबर ले लो। वो नंबर सिर्फ हम दोनो के पास ही है अब तक! अब तुम्हारे पास भी हो जायेंगे। फिर ईशान, साहिल सिमरन और बाद में तानिया के नंबर भी ले ही लेता है, और सबको बाय बोलकर चला जाता है। सिमरन को अच्छा नही लग रहा होता है अपने भाई को वापस भेजना, लेकिन वो जानती थी कि अगर उसके परिवार को थोड़ा भी doubt हुआ तो कही ईशान पर कोई मुसीबत ना आ जाए। इसलिए उसने ईशान को जल्दी ही भेज दिया।
साहिल - आज तो सच में मजा आ गया सिमरन,तुम्हारा भाई बहुत अच्छा और स्वीट है।
तानिया - बिल्कुल सही कहा। अच्छा,अब हम अपने कमरे में जा रहे है। तुम लोग भी थोड़ा आराम कर लो! और तानिया चली जाती है।
सिमरन और साहिल भी फिर कैजुअल बातें करके अपने अपने कमरे में चले जाते है।
इधर आचार्य हाउस में;
ईशान अपने घर में वापस आता है और वो बहुत खुश नजर आ रहा होता है। तभी विपिन भी घर के बाहर जा रहा होता है, तो दोनो टकरा जाते है। जैसे ही ईशान, विपिन को देखता है तो उसे याद आ जाता है कि कैसे इस विपिन ने इसकी सिमरन दीदी को जलाने की कोशिश की। और उसके चेहरे पर जो खुशी थी वो गायब हो जाती है, और उसके चेहरा गुस्से से भर जाता है।
क्रमश: