जब मै उठा तो सुबह के ग्यारह बज रहे थे रुकसार कमरे मे नही थी फिर मै बाथरूम गया फ्रेश होकर नाहा धोकर नीचे गया हमारा घर दो मंजिला था फर्स्ट फ्लोर पर दो कमरे थे
एक कमारा खाली पड़ा था और दूसरे पर हम दोनो रहते थे और छत पर एक छोटा सा गार्डन भी था जो वही बालकनी पर था , गराउन्ड फ्लोर पर चार कमरे थे एक मे अम्मा दूसरे मे अब्बू और दो गेस्ट के लिए थे .
मै नीचे आया तो वहा अम्मा सोफे पर बैठ कर दस्बीह पड़ रही थी अब्बू के कमरे का दरवाजा खुला था वो वही अपने कमरे मे थे उनके साथ फूप्पो भी थी वो अब्बू से बाते कर रही थी मेने अम्मा को सलाम किया और उनके पास जा कर बैठ गया .
शाहिद : अम्मा रुकसार कहा है ?
अम्मा : वो रसोई मे है तेरी फूप्पो गुलनाज और जैबा आयी है ( जैबा फूप्पो की बेटी ) वह चाय नाश्ता बना रही है जैबा भी उसके साथ ही है .
मुझे यकिन था फूप्पो को रुकसार ने ही बुलाया है फिर फूप्पो भी वही आकर बैठ गई मेने उन्हे सलाम किया जो उन्होंने मुंह बनाकर लिया वह मुझसे नफरत करती थी पर रुकसार से नही वह उनके शोहर की भान्जी थी रुकसार इनके घर पर ही पली बढ़ी है .
अम्मा : बेटे शाहिद आज तुम कारखाने क्यू नही गये तुम अभी तक यही हो सब ठीक तो है ना ?
फूप्पो : क्या अम्मी इसके रहते कुछ ठीक हो सकता है क्या फिर कोई नुकसान कर दिया होगा मैने तो काई बार भाई से कहा है खुद सम्भाल ले करखाने को उन्होंने भी इस नाकारा के उपर छोड़ रखा है हर बार कोई मुसिबत खड़ी कर देगा
और फिर अम्मा के पल्लू से लिपट जायेगा और अब तो नया पल्लू मिल गया है मेरी बच्ची रुकसार का .
रुकसार जो अभी रसोई से बाहर आई थी चाय लेकर उसने
फूप्पो की बाते सून ली तो उसे बहुत गुस्सा आया उसने चाय टेबल पर रखी और सुनाने लगी फूप्पो को .
रुकसार : मुमानी आप क्यू पिछे पड़ी रहती हो शाहिद के आखिर क्या बिगाड़ा है इन्होने आपका क्यू हमेशा इन्हे ताने मारती रहती हो इनको हमेशा कोशती रहती है आखिर किस बात का बदला ले रही है आप शाहिद से ?
फूप्पो : तू बीच मे ना पड़ रुकसार ये इसके और हमारा बीच का मसला है तू जा अपना काम कर .
रुक्सार : मसला तो मेरे शोहर का है मुमानी और ना सिर्फ मे बीच मे आऊंगी बल्कि उनको परेशान करने वाले हर शक्स से टकराऊंगी भी चाहे वह कोई भी हो उसमे आप भी आती है मुमानी .
फूप्पो : तू अपनी जुबान को लगाम दे रुकसार मै तेरे मामू की तरह नही हूं जो तेरा निकाह इस मनूस से करा दिया
तेरी जिद उन पर चलेगी मेरे उपर नही मेने तो मना किया था तुम्हे दूर रहो इससे लेकिन तू तो इस की मोहब्बत मे पागल हो गई और पहुंच गई काजी के पास निकाह करने .
रुकसार : हा मे पागल हूँ इनकी मोहब्बत मे और हमेशा मोहब्बत करती रहूंगी और अब ये मेरे शोहर है तो अब मै इनकी बेज्जती बरदास नही करूंगी .
जैबा जो पिछे खड़ी थी वह अपनी अम्मी और रुकासार को यू झगड़ते देखकर अपनी अम्मी की ओर आयी उन्हे चूप कराने के लिए .
जैबा : अम्मी आप क्यू झगड़ रही हो रुकसार आपी से आप कितना प्याार करती है आप इनकी कितनी परवाह करती हो फिर भी ऐसा क्यू कर रही हो .
फूप्पो : जैबा तू चूप चाप वहा खड़ी हो जा बडो के बीच मत पड़ वरना एक खीच कर लगाऊंगी तेरे गाल पर दिन मे तारे नजर आने लगेंगे .
अम्मा : ( गुस्से मे ) बस बहुत हो गया गुलनाज बच्चो को डराना धमकाना और उन्हे परेशान करना बन्द कर बेटी रुक्सार जाओ नाश्ता लगाओ और बेटे शाहिद तुम अभी कारखाने जाओ महोल को ठंडा करो हम बाद मे बैठ कर बात करेंगे .
रुक्सार : शाहिद कही नही जा रहे अम्मा मेने अनवर चाचा को फोन कर दिया वो आज करखाना सम्भाल लेंगे शाहिद की तबीयत ठीक नही है तो आज वो घर पर ही रहेंगे .
अम्मा : क्या हुआ तुम्हारी तबीयत को बेटा शाहिद ( मेरे माथे पर हाथ रख कर ) अरे तुम्हे तो बुखार है मेरे बच्चे तुम्हे तो डाक्टर के पास जाना चाहिए .
शाहिद : नही मै ठीक हूँ अम्मा रुक्सार ने रात भर मेरा ख्याल रखा है उसने मेरे सर पर ठंडे पानी की पट्टी रखी और काड्हा भी दिया अब मै बिल्कुल ठीक हूँ .
रुक्सार : नही ये ठीक नही है अम्मा इनकी हालत दिन प्रतिदिन खराब हो रही है ये किसी को भी नही बतायेंगे ये किस परेशानी से गुजर रहे है ये हर रात तकलीफ मे गुजारते है ये बिमार पड़ रहे है और कल रात तो इनकी जान भी जा सकती थी इतनी बूरी हालत थी इकनी मैने डाक्टर को बुलाने के लिए कहा तो इन्होंने मना कर दिया इन्होंने तो किसी को भी बता ने से मना कर दिया है आखिर करेंगे भी भला,
कौन परवाह करता है इनकी ये रोज खुद घूट घूट कर मर रहे है घर मे इतने लोग है लेकिन किसी को किसी भी नही पड़ी सब अपने अपने मसले लेकर बैठे है .
रुक्सार की बात सुनकर एक बार को तो फूप्पो को भी दुख हुआ , वही अब्बू अपने कमरे के दरवाजे से खड़े सून रहे थे
जेबा भी परेशान दिख रही थी और अम्मा तो खामोश हो गई थी .
फूप्पो : आखिर हुआ क्या है इसे जो इसकी हालत खराब हो रही है .
फिर रुकसार ने उन्हे मेरे ख्वाबो के बारे मे बताया कैसे मे एक आवाज का पिछा करता हूं कैसे वो साये मुझे जला देते है कैसे मै बीमार पड़ता हूँ .
रुकसार : ख्वाब आते है इनको वो भी डरावने , ये ख्वाब डरावने ख्वाब जो है इन्हे बहुत वक्त से आ रहे है जिसमे ये एक आवाज का पिछा करते है फिर एक कमरे तक पहुंचते दो अन्त मे इन्हे जलाकर मार दिया जाता है फिर उठने पर इनकी हालत खराब हो जाती है इनकी सांसे तेज चलती है धड़कने धीमी पड़ जाती इनका शरीर आग की भट्टी की तरह तप जाता है और ये पसीने से लथपथ हो जाता है इनका सर दर्द करने लगता है ये घबराहट से कापने लगते है .
रुकसार की बात सून अम्मा को कुछ समझ आया उनके चेहरे के भाव बदल गये तो उन्होन मुझ से सवाल किया .
अम्मा : क्या वो आवाज किसी औरत की होती है शाहिद बेटा?
अम्मा की बात सुनकर मै जो चूप खड़ा था मैने उनकी ओर देखा अम्मा को देखकर लग रहा था शायद अम्मा समझ गई थी फूप्पो और अब्बू भी समझ गये थे कि मेरे ख्वाबो का कारण क्या है इसलिए मैने उन्हे बताने लगा .
शाहिद : हा अम्मा वो आवाज एक औरत की है जो मेरा नाम लेकर मुझे अपनी ओर बुलाती है और मै उसके पीछे जाता हूं उस कमरे तक पहुंचता हूँ .
लेकिन वह काले साये मुझे रोक लेते है और हर बार मुझे उस लाल रंग की रोशनी से जला देते है मगर इस बार मै उस कमरे मे पहुंच ही गया वो कमारा किसी शाही महल के कमरे से कम नही था और मैने उस आवाज देने वाली औरत को देखा ना सिर्फ देखा बल्कि उसके बारे मे भी पता चला कि वो कौन है .
मेरी बात सुनकर अब्बू जो अपने कमरे के दरवाजे पर खडे मेरी बाते सुन रहे वो जल्दी से मेरी तरफ आये मेरे दोनो कंधो पर अपने हाथ रखे और मेरी आंखो मे देखकर वो लफ्ज कहे जिसे मै सुनने के लिए सालो से इन्तेजार कर रहा था .
अब्बू : बेटा शाहिद बेटा शाहिद !
उनके मुह से वो लफ्ज सुन कर मै वही खड़ा खड़ा जम गया मेरी सांसे थम सी गई मेरी दिल की धड़कने बड़ गई मेरी आंखो जो इतना सब सुनने के बाद भी आंसू एक कतरा भी नही था वो बरस पड़ी और मै यूही बर्फ सा बना सोचने लगा क्या ये सच है जो मै सुन रहा हूं मेरे अब्बू ने मुझे बेटा कहा फिर मैने उनकी आंखो मे देखा जो मुझसे कुछ पूछना चाहती थी .फिर उन्होने मुझसे पूछा .
अब्बू : बेटे क्या वो औरत खुबसुरत थी क्या उस औरत ने अजीब से कपड़े पहने थे क्या उसने तुम्हे अपना बेटा कहा
क्या उस औरत तुम्हे कहा वो कि अम्मी है ?
मै उनके सवाल सुनकर अपने ख्यालो से बाहर आया और उनके सवालो का जवाब दिया .
शाहिद : हा अब्बू वो औरत बहुत खुबसुरत थी उस औरत ने अजीब कपड़े पहने हुए थी और उस औरत ने मुझे बेटा कहा और कहा कि वह मेरी अम्मी है और इतना ही नही बल्कि मे उनके गले भी लगा ,उनकी आंखो के आंसू भी देखे, उनकी अपने बेटे के लिए तड़प भी देखी उनका यू इन्तेजार करना भी देखा हा मे यकिन से कहे सकता हूं वो मेरी अम्मी थी .
अब्बू मेरा जवाब सुनकर अब्बू जिनके चेहरे पर मैने कभी एक मुस्कान भी नही देखी वो मुस्कुराने लगे फिर उनकी आंखे आंसओ ने घेर ली और पलट कर अम्मा की तरफ गये .
अब्बू : ( खुशी मे तड्प के साथ )तो ये सच है तुम जिन्दा हो नूर सूना ना आपने अम्मी क्या कहा शाहिद ने उसने उसे ख्वाब मे देखा इसका मतलब तो आपको पता है क्या कहा था उस दिन नूर ने अगर वो कभी ख्वाब मे नजर आये तो वो जिन्दा है (खुशी मे )नूर जिन्दा है मेरी नूर जिन्दा है हा हा हा हा
ऐ खुदा तेरा लाख लाख शुक्र है तुने मेरी नूर को जिन्दा रखा .
और वो फिर अपने घुटनो के बल बैठकर रोने लगे .
तो उनका नाम नूर है ये भी मुझे आज पता चला वो भी इस तरह अब्बू के मुंह से तड़फ तड़फ कर बोलते हुए
मैने उन्हे इस तरह पहली बार देखा या यू कहूँ उनको मैने अपने इतना करीब पहली बार देखा है आज उन्होने पहली बार मुझे छुआ है उन्होंने मुझ से बात की है उनके इस तरह मेरे कंधो पर हाथ रखने से मेरा गुस्सा जो उनके लिए था वो कम हो गया पता नही क्यू मेरा दिल चाह रहा था वो मुझे गले लगा ले एक बार मै उनके कंधे पर सर रख कर रोना चाहता था .
कहानी जारी है ...